
मध्य प्रदेश की जिला अस्पतालों में रिश्वत लेने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं आज ताजा मामला जबलपुर विक्टोरिया जिला अस्पताल से सामने आया है। जहां जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने एक अकाउंटेंट को 8 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। घूसखोर अकाउंटेंट ने पीएफ के 6 लाख 78 हजार रुपए निकालने के बदले 10 हजार की डिमांड की थी।
पीएफ राशि के एवज में मांगे थे रुपए
लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, शहपुरा में पदस्थ नेत्र सहायक विनोद आकोटकर ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त संजय साहू को शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि उसने अपना पीएफ राशि निकालने के लिए आवेदन दिया है। पीएफ राशि 6 लाख 78 हजार रुपए निकालने के एवज में विक्टोरिया जिला अस्पताल के अकाउंटेंट नीरज मिश्रा उर्फ बबलू ने 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इसके बाद सौदा 8 हजार में तय हुआ। रकम नहीं देने पर तीन महीने से फाइल लटकाकर रखी थी।
अकाउंटेंट को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा
शिकायत की तस्दीक कर कार्रवाई के लिए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने टीम को निर्देश दिए। बुधवार दोपहर को योजनाबद्ध तरीके से लोकायुक्त की टीम विक्टोरिया जिला अस्पताल पहुंचे। जहां अकाउंटेंट नीरज मिश्रा लेखा शाखा में बैठा हुआ था। योजना के अनुसार विनोद रिश्वत के 8 हजार रुपए लेकर नीरज के पास पहुंचा। जैसे ही उसने रिश्वत की रकम नीरज को दी वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया। कार्रवाई में निरीक्षक स्वप्निल दास, मंजू किरण तिर्की, कमल सिंह एवं अन्य शामिल थे।
अस्पताल में पहले भी हो चुकी कार्रवाई
इससे पहले हाल ही में प्रदेश के कटनी जिले में अस्पताल में रिश्वत लिए जाने के मामलों में लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई हुई। इसके बाद विक्टोरिया अस्पताल में यह मामला प्रकाश में आ गया।