
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। यहां उस समय हड़कंप मच गया जब चंबल पेयजल परियोजना के तहत पाइप लाइन डालने के दौरान मिट्टी ढह गई। हादसे में एक ही परिवार के 10 लोग मलबे में दब गए। रेस्क्यू के दौरान 6 को बाहर निकाला गया, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। मृतकों में तीन महिलाएं और एक युवक शामिल है, जबकि दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा ?
घटना रविवार सुबह करीब 8:30 बजे घनौली थाना इलाके के जंगी के नगला गांव के पास हुई। यहां चंबल पाइप लाइन बिछाने के लिए करीब 10 फीट गहरे गड्ढे की खुदाई चल रही थी। पास के उत्तर प्रदेश के उट्टू गांव से मिट्टी भरने के लिए एक परिवार के 10 लोग आए थे। मिट्टी भरते समय अचानक टनों मिट्टी ढह गई और सभी लोग गड्ढे में दब गए।
4 लोगों की मौत, 2 गंभीर घायल
प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। जेसीबी की मदद से मिट्टी हटाकर दबे लोगों को बाहर निकाला गया। हादसे में जिनकी मौत हुई है, उनकी पहचान इस प्रकार की गई है:
- अनुकूल (22)
- योगेश कुमारी (25)
- विनोद देवी (55)
- विमला देवी (45)
वहीं, दिनेश (38) पुत्र नाहर सिंह और जयश्री (50) पत्नी विजेंद्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मौके पर मची अफरा-तफरी
हादसे की खबर मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर इकट्ठा हो गए। मिट्टी में दबे लोगों के परिजन चीख-पुकार करते रहे। कुछ घायलों को परिजन खुद ही निजी अस्पताल लेकर भागे।
भरतपुर के जिला कलेक्टर कमर-उल-जमान ने बताया कि, 6 लोगों को मलबे से निकाला गया, जिनमें 4 की मौत हो गई है। बाकी का इलाज जारी है।
चंबल प्रोजेक्ट पर उठे सवाल
यह हादसा चंबल पेयजल परियोजना के अंतर्गत हो रही पाइप लाइन बिछाने की प्रक्रिया के दौरान हुआ, जिससे परियोजना की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मौके पर मौजूद अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि हादसे की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। उच्चैन के सीओ अनिल डोरिया ने भी मौके का जायजा लिया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।
यह इलाका हादसों के लिए संवेदनशील क्यों?
जंगी का नगला और दौलतगढ़ जैसे गांव उत्तर प्रदेश सीमा से लगे हुए हैं और यहां ग्रामीण मिट्टी भरने या मजदूरी के लिए निर्माण स्थलों पर आते रहते हैं। ऐसे स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम और चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए जाते, जिससे इस तरह के हादसे होते हैं।
घटनास्थल पर पुलिस, प्रशासन और राहत टीमें तैनात हैं। जिला प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, भविष्य में इस तरह के हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की बात कही है।
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