
उत्तरी गाजा पट्टी पर देर रात रिफ्यूजी कैंप में आग लग गई। इस हादसे में 7 बच्चों सहित 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। जिस इमारत में यह आग लगी, वहां बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी रिफ्यूजी रहते हैं।
गैसोलीन की वजह से फैली आग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि घटनास्थल पर बड़ी मात्रा में गैसोलीन रखा गया था, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल गई और इमारत को चपेट में ले लिया। आग लगने के बाद यहां अफरा तफरी मच गई। यह आग इलाके के भीड़भाड़ वाले जबालिया कैंप में तीन मंजिला इमारत में लगी।
एक दिन के शोक की घोषणा
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इसे नेशनल ट्रेजेडी कहा है। उनके प्रवक्ता नबील अबु रुदिनेह ने एक बयान में कहा कि अब्बास ने शुक्रवार को एक दिन के शोक की घोषणा की, जिसमें झंडे आधे झुके रहेंगे। पीड़ितों के परिवारों को उनकी पीड़ा कम करने के लिए सहायता भेजने की पेशकश की है। हमास (जो इजराइल-नाकाबंदी वाले फिलिस्तीनी एन्क्लेव को नियंत्रित करता है) ने कहा कि कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
अक्सर होते हैं ऐसे हादसे
बता दें कि, गाजा इस वक्त पॉवर संकट का सामना कर रहा है। गाजा निवासी खाना पकाने और रोशनी के लिए मिट्टी के तेल के लैंप सहित वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करते हैं। लोग सर्दियों के दौरान बड़ी तादाद में खाना पकाने के तेल, पेट्रोल और डीजल को स्टोर करते हैं। इस वजह से अकसर हादसे होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल गाजा को रोजाना औसतन 12 घंटे मुख्य बिजली मिलती है। इसके अलावा घर में रोशनी के लिए मोमबत्ती वगैरह का इस्तेमाल करते हैं।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) November 18, 2022