
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच पार्टी हाईकमान ने एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली तलब किया है। जिससे सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार फिर गर्म हो गया है। दरअसल, अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, ऐसे में उनकी जगह पर सचिन पायलट को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात सामने आ रही थी। इसी को लेकर गहलोत और पायलट गुट के बीच विवाद देखने को मिल रहा है।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) September 26, 2022
गहलोत के 90 समर्थकों ने दिया इस्तीफा
राजस्थान कांग्रेस में सवा दो साल बाद एक बार फिर बगावत के सुर देखने को मिल रहे हैं। दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद ही सचिन पायलट को यह पद मिलने की उम्मीद थी। ऐसे में अब गहलोत के 90 समर्थकों ने हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके स्पीकर को इस्तीफे दे दिए।
नाराज विधायकों ने रखीं 3 शर्तें
विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर देर रात तक माकन और खड़गे ने विधायकों को मनाने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बनी, विधायकों ने आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं। वहीं अब राजस्थान में बात बनती हुई नजर नहीं आ रही है। राजस्थान पहुंचे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज गहलोत से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे दिल्ली लौटेंगे।
विधायकों की 3 शर्तें
- विधायक दल की बैठक अब 19 अक्टूबर के बाद होगी।
- जब तक कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं होगा।
- जो सीएम बनेगा वह 102 विधायकों में से ही हो। यानी पायलट गुट से सीएम मंजूर नहीं।
गहलोत से मुलाकात करेंगे खड़गे और माकन
कांग्रेस में विवाद राजस्थान के सीएम पद को लेकर चल रहा है। राहुल गांधी के एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत का हवाला देते हुए सचिन पायलट ने सीएम पद के लिए दावेदारी पेश की है। वहीं, गहलोत गुट गहलोत समर्थक विधायकों का कहना है कि, सिर्फ अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बनेंगे। इतना ही नहीं पार्टी की बैठक में मांग उठी है कि 2020 में बगावत करने वाले 18 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री न बनाया जाए।
क्या है राजस्थान में विधानसभा का गणित?
राजस्थान में मौजूदा समय में 200 विधानसभा सीटें हैं और कोई भी सीट खाली नहीं है। इसके मुताबिक, राज्य में बहुमत का आंकड़ा 101 विधायकों का है। कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 108 विधायक हैं, भाजपा के पास 71 विधायक हैं। वहीं 13 विधायक निर्दलीय हैं, इनमें से ज्यादातर का समर्थन कांग्रेस के पास है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के पास 3 एमएलए हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पास 2-2 विधायक हैं। राष्ट्रीय लोकदल के पास 1 विधायक है।
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किसके पास कितने विधायक?
गहलोत गुट का दावा है कि उनके खेमे में 92 विधायक हैं। वहीं सचिन पायलट को महज 16 ही विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है। गहलोत गुट के कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने दावा किया है कि उनके साथ 92 विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इस लिहाज से पायलट खेमे में सिर्फ 16 विधायक बचते हैं। हालांकि अभी तक पायलट गुट की तरफ से कोई दावा नहीं किया गया है।
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2020 में पायलट गुट ने की थी बगावत!
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद जुलाई 2020 में भी सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। उस समय चर्चा थी कि पायलट अपने समर्थित विधायकों को लेकर बीजेपी में जा सकते हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों खेमे में सहमति बन गई थी।