
राजीव सोनी भोपाल। प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के लिए महिलाओं का पंजीयन जोरशोर से चल रहा है लेकिन 10-11 जिलों की हजारो बहनें ऐसी भी हैं जिन्हें ‘लाड़ली’ की पात्रता नहीं मिल पा रही। बांछड़ा, बेड़िया और सांसी समुदाय की इन महिलाओं के पास समग्र आईडी तो है लेकिन पति का नाम नहीं है। इस वजह से लाड़ली बहना योजना की पात्रता नहीं मिल पा रही।
मंदसौर-नीमच जिले में ही ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 10 हजार बताई जा रही है। इन समाजों की महिलाओं ने जिला अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में शासन स्तर से मार्गदर्शन मांगा है, समाधान जरूर निकल आएगा। इन जिलों में बैठकों के दौरान प्रभारी मंत्री और क्षेत्रीय विधायकों के सामने भी इन वर्गों की महिलाओं ने यह मुद्दा उठाया है। सांसी समाज की महिलाओं के सामने नातरा परंपरा के चलते यही समस्या बनी हुई है।
सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का महिलाओं में जबरदस्त क्रेज है। लेकिन मंदसौर, नीमच, रतलाम, राजगढ़, भिंड, श्योपुर, सागर और छतरपुर के अलावा कुछ जिले ऐसे हैं जहां बांछड़ा, बेड़िया और सांसी समाज की बड़ी संख्या में महिलाएं निवासरत हैं। इनके पास पारंपरिक व्यवसाय (देह व्यापार) के चलते पति का नाम नहीं है। समग्र आईडी में पिता का नाम तो है लेकिन विवाहित नहीं हैं और न ही विधवा अथवा परित्यक्ता हैं। यही वजह है कि पोर्टल पर उनका फार्म अपलोड नहीं हो पा रहा है। बाकी अन्य सभी पात्रताएं स्थानीय निवासी, 23-60 की उम्र, 5 एकड़ से कम जमीन और ढाई लाख रुपए से कम आमदनी के दायरे में ये महिलाएं आ रही हैं।
मंदसौर जिले में बांछड़ा समाज उत्थान और महिलाओं की शिक्षा- पुनर्वास के कार्य में लगे समाजसेवी चैन सिंह का कहना है कि इन महिलाओं का लाड़ली बहना योजना में पंजीयन कराने के लिए उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है।
बुंदेलखंड में भी हैं हजारों मामले
इधर बुंदेलखंड में सागर छतरपुर जिले सहित आसपास के क्षेत्रों में बेड़िया समाज की महिलाओं की संख्या भी हजारों में है। यही स्थिति राजगढ़ और श्योपुर जिले की सांसी समाज में नातरा परंपरा के चलते बन गई है। वहां भी महिलाओं के पास पति का नाम नहीं होने से लाड़ली बहना योजना में उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जिले की बैठकों में कई बार यह मुद्दा उठ चुका है लेकिन हल नहीं निकल पाया।
पात्रता दिलाएं : मंगल सिंह
बांछड़ा समाज की महिलाएं परेशान हैं। इस संबंध में अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं। मंदसौर- नीमच में ही ऐसी महिलाओं की संख्या 10 हजार से ज्यादा है। उनके फॉर्म पोर्टल स्वीकार नहीं कर रहा। उनके पास समग्र आईडी है और पंचायत का रिकार्ड भी है। शासन को इनके लिए कुछ रास्ता निकालना चाहिए। – मंगल सिंह ,प्रदेश अध्यक्ष , एकीकृत बांछड़ा युवा संगठन, मंदसौर
शासन से मांगा मार्गदर्शन
जिले में लाड़ली बहना योजना के पंजीयन का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। बांछड़ा समाज की महिलाओं के प्रकरण पोर्टल पर अपलोड नहीं होने की शिकायतें आई हैं। वैवाहिक स्टेटस पॉजिटिव न होने से ऐसा हुआ, इनके लिए शासन से मार्गदर्शन भी मांगा गया है, उम्मीद है कुछ समाधान निकल आएगा। – कुमार सत्यम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर