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भोपाल के दो छात्रों ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में पूछा सवाल, पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्टूडेंट्स से ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बातचीत की। इस दौरान कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि, तनाव से दूर कैसे रहा जाए। इस बीच कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो छात्रों को भी अपना सवाल पूछने का मौका मिला। 12वीं की छात्रा रितिका गोड़के ने पीएम मोदी से पूछा- हम अधिक से अधिक भाषाएं कैसे सीख सकते हैं ? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे पास सैकड़ों भाषाएं हैं, हजारों बोली हैं। यह हमारी समृद्धि है। हमें अपनी इस समृद्धि पर गर्व होना चाहिए।

‘भाषाओं से हमें अनुभवों का निचोड़ मिलता है’

पीएम मोदी ने रितिका के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा कि भारत में संचार के अनेक साधन हैं। हमें कोशि‍श करनी चाहिए कि अन्य राज्यों की भाषाएं सीखें। हम भाषा के जरिए विविधताओं से परिचित होते हैं। हम भाषा सीखते हैं, इसका मतलब बोलचाल के कुछ वाक्य सीख जाना ही नहीं है। इसके जरिए हमें अनुभवों का निचोड़ भी मिलता है। एक-एक भाषा की जब अभिव्यक्ति शुरू होती है, तो उसके पीछे हजारों साल की एक अविरक्त, अखंड, अविचल, अनुभव, उतार-चढ़ाव, संकटों का सामना करते हुए निकली हुई धारा होती है। तब जाकर के एक भाषा अभिव्यक्ति का रूप लेती है।

पीएम मोदी ने कहा कि हम जब एक भाषा को जानते हैं, तब आपको हजारों साल पुरानी उस दुनिया में प्रवेश करने का द्वार खुल जाता है। इसलिए बिना बोझ बनाए हमें भाषा सीखनी चाहिए। दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उसे गर्व होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। हमारी तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इतनी बड़ी अमानत और गौरव इस देश के पास है। पिछली बार जब यूएन में मेरा भाषण था, तब जानबूझकर मैंने कुछ तमिल शब्द बोले, क्योंकि मैं दुनिया को बताना चाहता था कि मुझे गर्व है दुनिया की सबसे पुरानी भाषा मेरे देश की है।

आप स्मार्ट हैं या गैजेट्स : पीएम मोदी

10वीं के छात्र दीपेश ने पीएम मोदी से सवाल किया कि हम इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया की इस दुनिया में अपना ध्यान भटकाए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान कैसे केंद्रित करें। पीएम मोदी ने जवाब दिया कि निर्णय हमें करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट्स स्मार्ट हैं। कभी-कभी लगता है कि आप अपने से ज्यादा गैजेट्स को स्मार्ट मान लेते हैं। गलती वहीं से शुरू हो जाती है। उन्होंने आगे कहा कि आप इस बात पर विश्वास करें कि परमात्मा ने आपको बहुत शक्ति दी है और आपसे स्मार्ट गैजेट्स नहीं हो सकता। आप जितने स्मार्ट होंगे गैजेट्स का उतने प्रभारी तरीके से उपयोग कर सकेंगे।

पीएम मोदी ने दीपेश के सवाल का जवाब देते हुए आगे क‍हा कि देश के लिए यह चिंता का विषय है। मुझे पता चला है कि भारत में औसत 6 घंटे लोग स्क्रीन पर गुजारते हैं। हमें गैजेट्स गुलाम बना रहा है। हम इसके गुलाम न बनें और अपनी आवश्यकता के अनुसार इसका उपयोग करें।

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