इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर : 5 साल से जेल में बंद आरोपी को कोर्ट ने किया बरी, प्रेमिका की हत्या मामले में पुलिस ने दर्ज किया था मामला

हेमंत नागले, इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 23 वर्षीय युवती के प्रेमी को उसी की हत्या के आरोप में पुलिस ने सलाखों के पीछे भेज दिया था। घटना के वक्त प्रेमी द्वारा ही अपनी प्रेमिका को अस्पताल ले जाना बताया गया था, जहां पर 33 गवाहों के बयान के बाद भी सिर्फ डॉक्टर के बयान के आधार पर आरोपी को बरी कर दिया गया। डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा था कि घटना के समय मृतिका को एक निजी अस्पताल में परिजनों द्वारा लाया गया था, जिसके बाद जिला न्यायालय द्वारा आरोपी प्रेमी को बरी कर दिया गया है।

5 साल से सजा काट रहा था आरोपी

हाई कोर्ट अधिवक्ता धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि घटना 11 मई 2017 की है, जब लसूड़िया थाना क्षेत्र की रहने वाली मृतिका अनामिका दुबे को आरोपी नीरज द्वारा इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जहां पर अनामिका की मौत हो गई थी। पूरे मामले में पुलिस द्वारा आरोपी धीरज को ही अपराधी मानते हुए धारा 302 में न्यायालय के समक्ष पेश किया था, जहां न्यायालय ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाती थी। आरोपी 5 साल तक अपनी प्रेमिका की हत्या करने के मामले में सलाखों के पीछे सजा काट रहा था।

क्या है मामला ?

आरोपी धीरज शर्मा और अनामिका दुबे दोनों ही लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। आरोपी धीरज ग्वालियर का रहने वाला था और इंदौर में रहकर आईटी इंजीनियर की जॉब कर रहा था। दोनों एक साथ राऊ थाना क्षेत्र के कृष्णा पैराडाइज में रहते थे, वहीं आरोपी धीरज द्वारा प्रेमिका का गर्भपात भी कराया गया था। परिवार को जब दोनों के प्रेम-प्रसंग की बात मालूम हुई और गर्भपात की जानकारी मिली तो परिवार द्वारा ही प्रेमी धीरज पर पूरे मामले में शंका जाहिर करते हुए हत्या का आरोप लगाया गया, जिसके बाद न्यायालय द्वारा उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया था।

33 गवाह अभियोजन द्वारा कोर्ट के समक्ष किए गए

पूरे मामले में कोर्ट के समक्ष 33 गवाह पेश किए गए थे जो कि यही दर्शा रहे थे कि मामले में प्रेमी धीरज ही आरोपी है, लेकिन आरोपी के वकील द्वारा कोर्ट के समक्ष डॉक्टर सागर द्वारा जब बयान कराए गए तो उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा था कि मृतिका को उसी के परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया था और घर में वह बीमार भी थी जिसके बाद ही अनामिका की मौत हुई थी। परिवार द्वारा प्रेमी पर आरोप लगाए जाने के बाद न्यायालय ने अभियोजन की पूरी घटना को चुना, लेकिन अभियोजन किसी तरह से पूरी घटना को श्रृंखलाबद्ध तरीके से नहीं जोड़ पाए जिसके बाद आरोपी के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने डॉक्टर सागर के बयानों के आधार पर आरोपी को बड़ी करवाया है।

डॉक्टर के बयान को माना मुख्य आधार

पूरे मामले में मृतिका अनामिका के परिवार द्वारा लगातार धीरज पर आरोप लगाने के बाद डॉक्टर के बयान को ही मुख्य आधार समझते हुए कोर्ट ने आरोपी प्रेमी को बरी किया है।

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