
नई दिल्ली। संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को लंबी बहस के बाद मंजूरी दे दी है। यह विधेयक अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कानून बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक ऐतिहासिक और सुधारात्मक कदम बताया है। जिससे खासतौर पर गरीब, पिछड़े और पसमांदा मुसलमानों को लाभ मिलेगा।
लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक को मिला बहुमत
लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद विधेयक को 288 वोटों से समर्थन मिला, जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया। इसके बाद राज्यसभा में भी 13 घंटे से ज्यादा चली बहस के बाद वोटिंग हुई, जिसमें विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।
PM मोदी का रिएक्शन
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस विधेयक को पारित करने को “सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि, दशकों से वक्फ व्यवस्था में जवाबदेही की कमी रही है। जिससे मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा तबके को नुकसान हुआ है। अब ये कानून उस स्थिति में सुधार लाएगा।
क्यों जरूरी था यह संशोधन?
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया कि-
- 2006 में देश में करीब 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे कुल आय 163 करोड़ रुपए थी।
- 2013 में सुधार के बाद भी आय सिर्फ 3 करोड़ रुपए बढ़ी।
- आज देश में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन इनका प्रबंधन प्रभावी नहीं रहा।
- उन्होंने कहा कि नया विधेयक पारदर्शिता लाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्ति का सही उपयोग हो।
विपक्ष का विरोध और बहस का जोर
विपक्ष ने विधेयक पर कई सवाल उठाए और संशोधन भी पेश किए, लेकिन ये सब खारिज कर दिए गए। बीजू जनता दल (BJD) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी नहीं किया और उन्हें अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट देने को कहा।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा में बताया कि, वक्फ बोर्ड ने कभी ताजमहल पर भी दावा किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
पीएम मोदी ने जताया सांसदों का आभार
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, वे सभी सांसदों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने विधेयक पर सार्थक बहस में भाग लिया। उन्होंने उन नागरिकों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने संसदीय समितियों को सुझाव भेजे।
क्या है विधेयक का उद्देश्य?
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना।
- मुतवल्ली (प्रबंधक) की भूमिका स्पष्ट करना।
- यह सुनिश्चित करना कि वक्फ संपत्तियों का लाभ गरीब, जरूरतमंद और पिछड़े मुसलमानों को मिल सके।
- बाहरी हस्तक्षेप को रोकना और समुदाय को अधिक अधिकार देना।
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