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H3N2 वायरस से 2 मौतों के बाद बढ़ी दहशत, विशेषज्ञों ने बताया कब से घटने लगेंगे मामले

नई दिल्ली। देश में मौसमी इंफ्लूएंजा के सब वैरिएंट एच3एन2 (H3N2) से दो मरीजों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। जिन दो मरीजों की मौत हुई उनमें से एक कर्नाटक निवासी हीरे गौड़ा (82) और दूसरे हरियाणा निवासी 65 वर्षीय मरीज थे। गौड़ा को हाई ब्लड प्रेशर और हरियाणा के मरीज को कैंसर की भी बीमारी थी। इस बीच एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस वायरस से बचाव के लिए सतर्कता बढ़ाने और एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में एच3एन2 के 451 मामले सामने आए हैं।सरकार का कहना है कि हम स्थिति पर नजर रखे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इसी माह के अंत से मामले घटने लगेंगे।

क्या है H3N2 इन्फ्लुएंजा

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, एच3एन2 एक ऐसा इंफ्लूएंजा वायरस है, जो आमतौर पर सूअरों से इंसानों फैलता है। इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस की तरह होते हैं। इसमें बुखार, खांसी और बलगम समेत सांस संबंधी समस्या के लक्षण दिखते हैं। कुछ मरीजों को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य समस्याएं भी होती हैं।

मास्क के उपयोग से घटी इम्युनिटी

पल्मोनोलॉजिस्ट अनुराग अग्रवाल कहते हैं- मुझे नहीं लगता कि H3N2 की कोई बड़ी लहर आएगी। अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार तरुण साहनी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होना बहुत आम नहीं है। सिर्फ 5 प्रतिशत मरीजों के ही अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी सामने आई है।  साहनी ने कहा कि अभी घबराने की जरूरह नहीं है। बस Covid 19 के समय की तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है। विषाणुविज्ञानी उपासना रे कहती हैं कि करीब दो साल तक मास्क के इस्तेमाल की वजह से लोगों में श्वसन संबंधी समस्या से जुड़े वायरस के दूसरे वैरिएंट्स के खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता खत्म हो गई है। अशोका विश्वविद्यालय में त्रिवेणी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेस के डीन अनुराग अग्रवाल ने कहा- ‘लोगों में फ्लू के खिलाफ आम तौर पर रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है और इसके टीके भी उपलब्ध हैं, इसलिए मुझे किसी बड़ी लहर की आशंका नहीं है, लेकिन हां, सभी संक्रमण और उनसे होने वाली मौत कुछ चिंता का कारण तो हैं।

9 मार्च तक 3,0338 मामले

9 मार्च 2023 तक इंफ्लूएंजा के अलग-अलग वैरिएंट्स के 3,038 मामले सामने आए हैं।इनमें एच3एन2 के मामले भी शामिल हैं। इन आंकड़ों में, जनवरी के 1,245, फरवरी के 1,307 और 9 मार्च तक सामने आए 486 मामले शामिल हैं।

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