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विदिशा में जिताऊ चेहरा ढूंढ रही भाजपा, गुना में दो नामों पर मंथन

राघवजी की बेटी का विदिशा और गुना में पन्नालाल शाक्य, जाटव के नाम

भोपाल। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 5 किस्तों में 228 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। सत्ता-संगठन के लिए विदिशा सीट प्रतिष्ठा का मुद्दा बनी हुई है। पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस के शशांक भार्गव ने जीत दर्ज की थी। भाजपा यहां जिताऊ चेहरा तलाश रही है। गुना सीट पर भाजपा ही काबिज है लेकिन पार्टी इस बार वहां विधायक गोपीलाल जाटव के विकल्प के तौर दो अन्य नामों पर विचार कर रही है। सत्तासं गठन के नेता विदिशा में पूर्व वित्तमंत्री राघवजी भाई की बेटी पूर्व नपा अध्यक्ष ज्योति शाह के नाम पर विचार मंथन कर चुके हैं। पिछले चुनाव में हारे मुकेश टंडन भी दावेदारी कर रहे हैं।

भाजपा हाईकमान ने दोनों सीट के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से एक बार और विचार मंथन कर मशविरा देने को कहा है। भाजपा में विदिशा जिले की पहचान संघ और भाजपा के गढ़ के रूप में मानी जाती है इसलिए इस बार इस सीट पर फिर से काबिज होने के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी की गई है। 2013 के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी के साथ विदिशा से भी चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर विजयी रहने पर उन्होंने विदिशा सीट छोड़ दी थी, उपचुनाव में भाजपा के कल्याण सिंह यहां से जीते लेकिन फिर 2018 में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा था। जिले की 5 में से चार सीटें भाजपा के पास हैं। कुरवाई छोड़ बाकी 4 सीटें सामान्य हैं।

गुना विस सीट: पन्नालाल शाक्य-जाटव पर विचार

गुना सीट पर पिछले तीन चुनावों से भाजपा ही काबिज है। यहां जाटव के विकल्प के तौर पर एक और जाटव का नाम सामने आया है। बताया जाता है कि इस बार गोपीलाल को सिंधिया परिवार की हरी झंडी नहीं है। इसके पीछे राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग को भी एक कारण माना जा रहा है। पूर्व विधायक पन्ना लाल शाक्य का नाम भी विकल्प के तौर पर सुझाया गया है। पार्टी यहां प्रत्याशी बदलने के नफा-नुकसान पर विचार कर रही है।

जाटव 34 हजार वोटों से जीते थे पिछला चुनाव

ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। साल 2018 के चुनाव में गोपीलाल जाटव को 84,149 वोट हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस के चंद्र प्रकाश अहिरवार के खाते में 50,482 वोट आए थे। कांग्रेस ने इस चुनाव में यहां से पंकज कनेरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर सिंधिया घराने का काफी प्रभाव रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्व में उनके पिता स्व. माधव राव सिंधिया और दादी विजयाराजे सिंधिया भी यहां से सांसद रह चुके हैं।

राघवजी मिले थे चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर जिले की सियासत पर लंबी चर्चा की थी। सत्ता-संगठन के सभी नेता तीन दिन पहले ज्योति शाह को लेकर विचार विमर्श कर चुके हैं। आशंका लगाई जा रही है कि इसीलिए विदिशा सीट होल्ड पर है।

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