
अशोक गौतम-भोपाल। शहरों से गांवों की दूरी को कम करने के लिए सरकार नया ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने की तैयारी कर रही है। पीपीपी मॉडल पर शहरों के साथ गांवों की बेहतर कनेक्टिविटी बनाने के लिए नीति भी तैयार होगी। सरकार दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों के मॉडल पर बस चलाने के संबंध में संभावनाएं तलाश रही है। प्रदेश का परिवहन विभाग इस संबंध में अगले सप्ताह परिवहन सेवा से जुड़े कुछ स्वैच्छिक संगठन (एनजीओ), ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्य और अध्यक्षों के साथ बैठक भी करेगा। इनसे प्रदेश में ग्रामीण परिवहन सेवा से शहरों को जोड़ने पर सुझाव लिए जाएंगे।
इसके बाद ड्रॉफ्ट रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष उसे रखा जाएगा। जिस तरह से शहरों में परिवहन सेवाएं लोगों को मिल रही है, प्रदेश सरकार उसी तरह से गांवों में भी यह सुविधाएं देने की तैयारी कर रही है। यह सुविधाएं इसलिए तैयार की जा रही है, जिससे लोगों को सस्ती तथा सुगम परिवहन सुविधा मिल सके और वाहनों का दबाव बंट सके। इसके लिए परिवहन विभाग सभी जिलों के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ अधिनियमों में भी संशोधन किया जाएगा। परिवहन विभाग प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में रखेगा। बसों का संचालन करने शहरी और ग्रामीण परिवहन कंपनी, प्राधिकरण का गठन होगा।
गांवों में परिवहन सेवाएं देने पर छूट का प्रावधान
गांवों में बसें चलाने पर परमिट और रोड टैक्स सहित अन्य टैक्स में छूट मिलेगी। शहरों की तरह ऑपरेटर को किलोमीटर के हिसाब से एकमुश्त राशि या बस के लिए अनुदान ऑपरेटरों को दिया जाता है, उसी तरह से ग्रामीण परिवहन के लिए भी कुछ प्रावधान करने पर विचार हो सकता है।
शहर के बाहर बसों को ले जाने पर बनी थी समस्या
शहरी परिवहन सेवा शहर सीमा से बाहर गांवों तक चलाए जाने का प्रावधान किया गया था। इस पर निजी बस ऑपरेटरों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिससे उन्हें रोक दिया गया। ऑपरेटरों का कहना था कि बसों को गांवों तक जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।
बंद होगा मप्र सड़क परिवहन निगम
सरकार सड़क परिवहन निगम को जल्द बंद करेगी। इस संबंध में केंद्र सरकार का एक पत्र राज्य सरकार के पास आया है, जिसमें देनदारी और लेनदारी पूरी कर इसे बंद करने के लिए कहा गया है। परिवहन निगम बंद करने और नई व्यवस्था बनाने मुख्य सचिव एक बैठक भी कर चुके हैं।
नई परिवहन सेवाएं शुरू करने के संबंध में मॉडल पर विचार किया जा रहा है। जिन राज्यों में ग्रामीण और शहरी परिवहन व्यवस्था बेहतर हैं, उनका भी अध्ययन होगा। साथ ही ऑपरेटरों और जानकारों से भी चर्चा की जाएगी। – एसएन मिश्रा, एसीएस, परिवहन विभाग
सरकार अगर शहर से गांवों तक लोकल बस चलाएगी तो पढ़ाई करने के लिए गांव के छात्रों को शहर में नहीं रहना पड़ेगा। लोकल बस से भोपाल तक अप-डाउन करेंगे। अभी बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। – राधेश्याम दांगी, ग्राम तिलेंडी, जिला रायसेन