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Bihar Politics : बिहार में फिर चाचा-भतीजे की सरकार… आज 8वीं बार CM पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, तेजस्वी होंगे डिप्टी सीएम

बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूटने के बाद एक बार फिर से चाचा (नीतीश कुमार) और भतीजे (तेजस्वी यादव) की सरकार बनने जा रही है। आज दोपहर दो बजे राजभवन में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं भाजपा आज सभी जिलों में JDU नेता द्वारा विश्वासघात के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध (महाधरना) करेगी। जिसके बाद ब्लॉक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

नीतीश कुमार आज आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे

नीतीश कुमार आज आठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 21 महीने में यह दूसरा मौका है जब वह सीएम पद की शपथ लेंगे। लेकिन, उनकी इस सरकार का गणित और सहयोगी सब बदले हुए होंगे। महज 45 विधायकों वाली उनकी पार्टी सत्ता में बनी रहेगी। विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद के साथ कांग्रेस, वाम दल और जीतन राम माझी की पार्टी हम भी इस गठबंधन का हिस्सा होंगे।

नई सरकार के मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ!

वहीं बिहार की नई सरकार के मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ हो गई है। जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट में आरजेडी के सबसे ज्यादा 16 विधायक मंत्री बनेंगे। इसके बाद जेडीयू के 13, कांग्रेस के 4, हम के 1 विधायक नई सरकार में मंत्री बनेंगे। वहीं लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से स्पोर्ट कर रही हैं।

नीतीश के खिलाफ भाजपा का महाधरना आज

भाजपा ने मंगलवार को अपने पुराने सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कदम पर नाराजगी जताते हुए उन पर आदतन विश्वासघात करने का आरोप लगाया। राज्य मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक के बाद जारी एक बयान में पार्टी ने घोषणा की कि वह बुधवार यानी आज सभी जिलों में जद (यू) नेता द्वारा विश्वासघात के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध (महाधरना) करेगी, जिसके बाद ब्लॉक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के सामने धरने पर बैठेंगे। 12 अगस्त को जिला मुख्यालय और 13 अगस्त को प्रखंड मुख्यालयों पर भी धरना देंगे।

पहली बार में 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दी थी

CM नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंपा था। उस समय नीतीश ने 160 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद वे राबड़ी देवी के आवास पहुंचे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुना गया।

जिसके बाद उन्होंने तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी। बता दें बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है।

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नीतीश ने दो बार छोड़ा एनडीए

नरेंद्र मोदी के गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद नीतीश कुमार ने 2013 में पहली बार एनडीए छोड़ा था। इसके बाद 2015 में नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी RJD के साथ मिलकर एक महागठबंधन बनाया। चुनाव में जीत के बाद नीतीश मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद 2017 में नीतीश से महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में आ गए थे। वह बीजेपी के साथ मिलकर दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2020 के चुनावों में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। अब 2022 में नीतीश ने फिर से एनडीए का साथ छोड़कर आरजेडी का हाथ थाम लिया है।

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बीजेपी कर रही थी साजिश

नीतीश कुमार ने एक बैठक में पार्टी को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी लगातार जेडीयू को तोड़ने की साजिश कर रही थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी उन्हें अपमानित कर रही थी। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले से ही पार्टी के खिलाफ साजिश की जा रही थी। लेकिन तब वह चुप रहे।

गौरतलब है कि जाति जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण और अग्निपथ योजना और नीतीश कुमार के पूर्व विश्वासपात्र आरसीपी सिंह को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में बनाए रखने सहित कई मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी के बीच हफ्तों तक तनाव रहा।

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