
मप्र में लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। भोपाल लोकायुक्त ने विदिशा जिला पंचायत के लेखापाल मनोज राय को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंग हाथ पकड़ लिया। लेखापाल ने अनियमितता के आरोप में निलंबित रोजगार सहायक से पक्ष में रिपोर्ट कराने 30 हजार रुपए की डिमांड की थी।
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निलंबित रोजगार सहायक ने दी घूस
शुक्रवार की शाम को कार्यालय का समय समाप्त होने के बाद अधिकांश कर्मचारी अपने घर के लिए रवाना हो गए थे। कार्यालय के भूतल पर ही मुख्य द्वार के बगल में बने कक्ष में लेखाधिकारी मनोज राय अकेले बैठे थे। निलंबित रोजगार सहायक ऋषिराज कुर्मी 15 हजार रुपए का लिफाफा लेकर उनके कक्ष में पहुंचा। जब लिफाफा देकर वह बाहर तो लोकायुक्त टीम को इशारा किया। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने राय रुपए के साथ पकड़ लिया।
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अनियमितता के आरोप में किया था निलंबित
दरअसल, भोपाल लोकायुक्त को ऋषिराज कुर्मी निवासी ग्राम मैनवाड़ा विदिशा ने आवेदन देकर लेखापाल की शिकायत की थी। इसमें उसने बताया था कि वह रोजगार सहायक मैनवाड़ा के पद पर 2017 में पदस्य था। इस दौरान उस पर अनियमितता के आरोप लगने पर कलेक्टर विदिशा ने बर्खास्त किया था। जिस पर हाईकोर्ट ग्वालियर से उसके प्रकरण में जांच कराना का आदेश लेकर आया था। प्रकरण की जांच रिपोर्ट आवेदक के पक्ष में करने को लेकर मनोज राय ने 30 हजार रुपए की डिमांड की मांग की है। इस रिश्वत राशि से आवेदक से 15 हजार रुपए मनोज राय ने शुक्रवार को मंगाए थे।
रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा
लोकायुक्त ने शिकायत की जांच के बाद ट्रैप करने की योजना बनाई। लोकायुक्त एसपी मनु व्यास के निर्देशन में इंस्पेक्टर रजनी तिवारी, इंस्पेक्टर नीलम पटवा एवं लोकायुक्त दन ने आवेदक ऋषिराज कुर्मी के साथ मिलकर ये कार्रवाई विदिशा में जिला पंचायत के कार्यालय में की। योजना के तहत आवेदक से 15 हजार की रिश्वत राशि मनोज राय के लेते ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। जिस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।