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पर्यावरण के नन्हे प्रहरी गायों को पॉलीथिन खाते देख व्यथित हुए, अब पेपर बैग बनाकर बस्ती में बांट रहे

राजधानी के श्याम नगर बस्ती के दो बच्चों की पहल बनी मुहिम

 पल्लवी वाघेला/भोपाल। बच्चे भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग हो रहे हैं। इसका उदाहरण है श्याम नगर और शिव नगर बस्ती के बच्चे, जो एक साल से खुद पेपर बैग तैयार कर इन्हें बस्ती के लोगों में बांट रहे हैं। उनका मकसद पॉलीथिन के उपयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को रोकना है। इनसे प्रेरित होकर बाकी बच्चे भी उनसे पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। खास बात यह कि बच्चों ने खुद यूट्यूब से पेपर बैग बनाना सीखा और अब लोग इनसे पेपर बैग खरीदकर इन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। अब बढ़ा काम : इस साल गर्मी की छुट्टी में मुहिम ने जोर पकड़ा। वर्तमान में बाल पालिका का यह ग्रुप बच्चों को यह बैग बनाना सीखा रहा है। कुछ बच्चे, यह बैग बनाकर परिवार को सपोर्ट भी कर रहे हैं। ये बैग साइज के अनुसार 5 से 15 रुपए कीमत तक के हैं।

कपड़े के बैग में झंझट थी, त्यागना पड़ा विचार

इस मुहिम की शुरुआत दो भाई-बहनों अंश और प्रियांशी यादव ने की। अंश 7वीं और प्रियांशी कक्षा छठवीं में पढ़ती है। दोनों सहारा साक्षरता एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी के तहत बने बच्चों के ग्रुप बाल पालिका के सदस्य हैं। इनके अनुसार, उनकी बस्ती श्याम नगर में हर जगह लोग पॉलीथिन में कचरा फेंकते थे। जानवरों को पॉलीथिन खाते देखकर उनका मन व्यथित हो गया। गर्मी की छुटटी में उन्होंने बाल पालिका में इस पर चर्चा की। पहले कपड़ों से थैले बनाने का विचार था, लेकिन उसमें सिलाई सहित बहुत झंझट थे। तब पेपर बैग बनाने का आइडिया आया।

हमारा उद्देश्य है कि लोग कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करें और इसके खतरों की जानकारी मिल सके। पेपर बैग को हम गिμट के रूप में उपयोग करते हैं और जो लोग खरीदना चाहते हैं उन्हें भी देते हैं। हम चाहते हैं कि पृथ्वी को तेजी से बढ़ते प्रदूषण से बचाएं। – अंश और प्रियांशी

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