ताजा खबरराष्ट्रीय

मर्द को दर्द होता है… अतुल सुभाष आत्महत्या करने वाले अकेले शख्स नहीं, सुसाइड करने वाले 10 में से 7 पुरूष

बेंगलुरु में एक प्रतिष्ठित कंपनी में AI इंजीनियर के रूप में काम कर रहे अतुल सुभाष मोदी ने आत्महत्या कर ली। इस घटना से पहले उन्होंने करीब 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

सुसाइड नोट में अतुल ने लिखा कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा, हत्या की कोशिश और दहेज प्रताड़ना जैसे नौ झूठे मामले दर्ज कराए थे। 2019 में शादी के बाद से ही उनकी पत्नी और उसके परिवार वाले लगातार पैसों की मांग करते थे। अतुल ने यह भी बताया कि उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी।

अपने वीडियो में अतुल ने कहा, “मुझे आत्महत्या कर लेनी चाहिए क्योंकि मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे वे लोग (ससुराल वाले) और मजबूत हो रहे हैं। मेरे टैक्स के पैसे से कोर्ट और पुलिस सिस्टम मुझे और मेरे परिवार को परेशान कर रहा है।”

महिलाओं से अधिक पुरुष कर रहे आत्महत्या

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में आत्महत्या करने वालों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या काफी अधिक है। 2022 में भारत में 1.70 लाख से अधिक आत्महत्याओं में 1.22 लाख पुरुषों ने अपनी जान दी।

भारत में हो रही हर 10 आत्महत्याओं में से 6-7 पुरुष शामिल हैं। आयु वर्ग की बात करें तो, 30 से 45 साल के लोग सबसे अधिक आत्महत्या कर रहे हैं। 2022 में इस आयु वर्ग के 54,351 लोगों ने आत्महत्या की थी, जिनमें 77% पुरुष थे। 18 से 30 वर्ष के 59,108 मामलों में 65% पुरुष शामिल थे। 45 से 60 वर्ष के 31,921 मामलों में 82% पुरुष थे। वहीं 2022 में 1,14,485 शादीशुदा लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 74% पुरुष शामिल थे।

क्या है आत्महत्या की वजहें

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या के मुख्य कारणों में 32% पारिवारिक समस्याएं और 19% गंभीर बीमारियां (एड्स, कैंसर आदि) शामिल हैं। 2022 में शादी से जुड़ी समस्याओं के कारण 8,164 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 52% पुरुष थे।

आत्महत्या के मामले में क्यों आगे हैं पुरुष

  1. सामाजिक दबाव- एक अध्ययन के अनुसार, समाज पुरुषों को मजबूत और भावनात्मक रूप से स्थिर मानता है। ऐसे में वे अपनी मानसिक समस्याओं को साझा नहीं कर पाते।
  2. बेरोजगारी- यूरोप में हुई एक स्टडी में पाया गया कि बेरोजगारी के कारण पुरुषों का आत्महत्या करने का जोखिम बढ़ जाता है।
  3. शराब और ड्रग्स की लत- नशा भी आत्महत्या का कारक है।

ये भी पढ़ें- AAP ने खारिज किया कांग्रेस के साथ गठबंधन का दावा, अपने दम पर लड़ेगी दिल्ली चुनाव

संबंधित खबरें...

Back to top button