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अमेरिकी बाजारों में कल ‘ब्लैक मंडे’ की चेतावनी, मार्केट एक्सपर्ट की भविष्यवाणी, ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ से वैश्विक हलचल

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में भारी उथल पुथल मचा दी है। एशिया से लेकर अमेरिका तक शेयर बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। ट्रम्प की इस रणनीति का दुनियाभर में विरोध बढ़ता जा रहा है। इसी बीच अमेरिका के जाने माने मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने एक बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि सोमवार का दिन ‘ब्लैक मंडे’ बन सकता है, यानी शेयर बाजारों में 1987 जैसी भारी गिरावट फिर से देखने को मिल सकती है।

ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ का दुनियाभर में असर

डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सप्ताह अपने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान करते हुए चीन, ताइवान, पाकिस्तान और भारत समेत कई देशों से आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क लगा दिया है। इसका सीधा असर वैश्विक शेयर बाजारों पर पड़ा है। अमेरिकी बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और Dow Jones, S&P 500 व Nasdaq में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।

सोमवार का दिन बन सकता है ब्लैक मंडे

अमेरिकी शेयर मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि ट्रम्प की टैरिफ नीति से 1987 की तरह की तबाही अमेरिकी बाजारों में देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रम्प ने उन देशों से संवाद नहीं किया जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो सोमवार का दिन ब्लैक मंडे बन सकता है। उन्होंने टीवी शो ‘मै मनी’ की मेजबानी के दौरान कहा, “हमें इस प्रभाव को देखने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, सोमवार तक सब कुछ साफ हो जाएगा।”

क्या है 1987 का ब्लैक मंडे

19 अक्टूबर 1987, सोमवार का दिन अमेरिकी शेयर मार्केट के इतिहास में ब्लैक मंडे के नाम से जाना जाता है। इस दिन Dow Jones Industrial Average में 22.6% की गिरावट आई थी, जो अब तक की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट है। S&P 500 में भी 20.4% की गिरावट देखी गई थी। इस तबाही का असर पूरी दुनिया के बाजारों पर पड़ा था।

Dow Jones और Nasdaq में भारी गिरावट दर्ज

बीते गुरुवार और शुक्रवार को ट्रम्प के टैरिफ ऐलान के बाद अमेरिकी बाजार लगातार दो दिनों तक क्रैश होते नजर आए। गुरुवार को Dow Jones में 1,679 अंकों की गिरावट दर्ज हुई। शुक्रवार को यह गिरावट बढ़कर 2,231 अंक तक पहुंच गई। S&P 500 में 6% की गिरावट देखने को मिली, जो कोविड-19 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। इसका असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत, यूरोप और एशिया के बाजारों में भी गिरावट देखी गई।

चीन ने अमेरिका पर लगाए जवाबी टैरिफ

ट्रम्प के इस कदम के बाद चीन ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ थोप दिए हैं, जिससे बाजार में और ज्यादा डर बढ़ गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह ट्रेड वॉर और गहराया तो वैश्विक मंदी की स्थिति बन सकती है।

क्या मंदी टाली जा सकती है

जिम क्रेमर ने यह भी कहा कि अमेरिका का मजबूत रोजगार डेटा फिलहाल देश को मंदी से बचा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि अगर टैरिफ की नीति जारी रही, तो यह गिरावट आर्थिक मंदी की शुरुआत बन सकती है।

क्या हैं क्रेमर की पिछली भविष्यवाणियाँ

गौरतलब है कि जिम क्रेमर ने पहले भी 2000 के डॉट-कॉम बुलबुले, 2007 की वैश्विक मंदी जैसे कई प्रमुख आर्थिक मोड़ों पर चेतावनियाँ दी थीं। हालांकि, उनकी कई भविष्यवाणियाँ गलत भी साबित हुई हैं, फिर भी निवेशक उनकी बातों को गंभीरता से ले रहे हैं।

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