
नेशनल हेराल्ड मामले में आज ED के सामने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पेश नहीं होंगी। कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेश होने के लिए सोनिया गांधी की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) से और समय मांगा गया है। बताया जा रहा है कि, वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं। बीते गुरुवार ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को ईडी का समन
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
नेशनल हेराल्ड का मामला 2012 में चर्चा में आया था। तब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है।
13 जून को ED के सामने पेश होंगे राहुल
नेशनल हेराल्ड केस में केन्द्रीय जांच एजेंसी ED ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नया समन जारी किया है। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए 13-14 जून को पेश होने के लिए बुलाया है। इससे पहले ईडी ने कांग्रेस नेता को दो जून को तलब किया था, लेकिन विदेश में होने के चलते वह पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हो पाए।
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कांग्रेस ने दिए ये तथ्य
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को लगभग 10 साल वक्त में, लगभग 100 किश्तों में चेक द्वारा अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ रुपए की राशि दी।
- इसमें से 67 करोड़ का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों की बकाया सैलरी देने में किया। बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया, भवन आदि पर खर्च किया गया।
- नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसकी एवज में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर ‘यंग इंडिया’ को दे दिए गए थे। जो कि कानून में एक ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ कंपनी है।
- मतलब यंग इंडिया की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा) थे। ये लोग किसी प्रकार का मुनाफा, डिवीडेंड, तनख़्वाह या कोई वित्तीय फायदा इससे नहीं ले सकते थे। इसके साथ ही मैनेजिंग कमिटी यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकती।
- इसका मतलब, यंग इंडिया से एक पैसे का ना वित्तीय लाभ लिया जा सकता और ना ही इसके शेयर को बेचा जा सकता। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि पार्टी नेशनल हेराल्ड, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की धरोहर मानते हैं।
- साल 2013-14 में सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कर्ज देने को लेकर एक प्राईवेट कंप्लेंट अदालत में दायर की, जो आज भी विचाराधीन है। कांग्रेस का कहना है कि याचिका को लेकर झूठ बोला गया।
- कांग्रेस के मुताबिक, कोर्ट में कुछ नहीं होने पर अब साढ़े सात साल के बाद ED द्वारा उस प्राइवेट कंप्लेंट के आधार पर केस दर्ज किए गए हैं।