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फोन टैपिंग को लेकर आई-फोन में जासूसी का अलर्ट, विपक्ष ने बताया सरकार प्रायोजित सेंधमारी, केंद्र ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्ली। एप्पल की तरफ से हैकिंग को लेकर आए अलर्ट ने मंगलवार को देश की सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया। कई विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उनके आईफोन में सरकार प्रायोजित सेंधमारी का एप्पल से अलर्ट मिला है। नेताओं ने दावा किया कि इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सीधे-सीधे केंद्र जिम्मेदार है। बाद में सरकार की तरफ से केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गहन जांच कराने की बात कही है।

राहुल समेत इन नेताओं को मिला हैकिंग अलर्ट

कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टीएस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम नेताओं को एप्पल की तरफ से फोन हैकिंग के अलर्ट का नोटिस मिला है।

राहुल गांधी हुए मुखर, उठाए सवाल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनकी पार्टी और विपक्षी दलों के नेताओं के आईफोन को सरकार प्रायोजित हैकर्स के द्वारा हैक करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि यह अडाणी समूह के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश है। राहुल गांधी ने साफ कहा कि, जब भी अडाणी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियों को जासूसी पर लगा दिया जाता है। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘जितनी टैपिंग करनी है कर लो, हम डरने वाले नहीं हैं। हम लड़ने वाले लोग हैं, पीछे हटने वाले नहीं।

महुआ ने अलर्ट मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया।

विवाद बढ़ा तो सरकार ने दिए जांच के आदेश

इस मामले को सबसे पहले महुआ मोइत्रा और प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाया। इसके बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश ने भी इस पर विरोध जताया। विवाद बढ़ते देख इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। अपने बयान में मंत्री ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा में अपनी भूमिका बहुत गंभीरता से निभा रही है। उन्होंने एप्पल के जरिए भेजे गए इन मैसेज की तह तक जाने के लिए गहन जांच कराने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच सीईआरटी-इन को सौंपी गई है। मंत्री ने दावा किया कि ऐसा नोटिफिकेशन एप्पल ने 150 देशों में जारी किया है।

एप्पल ने भी दी सफाई

विवाद के बीच टेक कंपनी एप्पल ने भी इस मामले में जवाब दिया है। एप्पल ने अपने सोशल मीडिया पर कहा है कि वो किसी भी तरह के स्टेट स्पॉन्सर्ड अलर्ट की सूचना नहीं देता है। एप्पल ने कई विपक्षी नेताओं को भेजे गए इन संदेशों को लेकर कहा कि, इस बारे में वह कुछ भी बता पाने में अक्षम है।

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