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सिंधिया इतनी बड़ी तोप थे तो ग्वालियर और मुरैना का महापौर चुनाव क्यों हारे, कमलनाथ का केंद्रीय मंत्री पर हमला

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखा हमला बोला है। टीकमगढ़ में पत्रकारों ने उनसे पूछा कि पिछले विधानसभा में आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, इस बार नहीं हैं… तो कमलनाथ ने कहा-हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है। सिंधिया इतनी बड़ी तोप थे तो ग्वालियर और मुरैना का महापौर क्यों हारे? पत्रकार वार्ता में नाथ ने बुंदेलखंड की समस्याओं के समाधान के साथ राजनीतिक सवालों पर खुलकर जवाब दिए।

पीसीसी चीफ शुक्रवार को पृथ्वीपुर और टीकमगढ़ के दौरे पर थे। उन्होंने टीकमगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बुंदेलखंड में मेडिकल कॉलेज हमारी प्राथमिकताओं में हैं। यहां चार दिन में एक दिन पानी मिल रहा है। यह स्थिति जिला मुख्यालय की है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड कई मायनों में वनवासी बहुल क्षेत्रों से भी पीछे है, इस क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकताओं में है।

सौदेबाजी तो तीन महीने से चल रही थी

सिंधिया के पार्टी छोड़ने से जुडे एक सवाल में पत्रकारों ने पूछा कि आपने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को सड़क पर उतरने को कहा था, इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ी…इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि मेरी सरकार गिराने के लिए करीब तीन महीनों से सौदेबाजी चल रही थी। सौदेबाजी की सूचनाएं मुझे विधायकों से मिल रही थीं, लेकिन मैं सौदेबाजी से सरकार नहीं चलाना चाहता था।

विधायक दल ही चुनेगा सीएम फेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल द्वारा किसी चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ने की बात पर कमलनाथ ने कहा कि चुनाव के बाद संगठन की एक प्रक्रिया होती है। विधायक दल अपना नेता चुनता है, यह हमारी पार्टी की परंपरा रही है। इसका पालन किया जाएगा। हनी ट्रैप केस की सीडी संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि मुझे तो पुलिस ने सीडी दिखाई थी, पुलिस से पूछिए सीडी कहां है।

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8 महीने बाद कहां होगा बुलडोजर का मुंह, ध्यान रखें

भाजपा में नहीं आने पर बुलडोजर तैयार है… कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऐसी चेतावनी वाले पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के बयान पर कमलनाथ ने कहा कि वो इतना ध्यान रख लें कि 8 महीने बाद बुलडोजर का मुंह किधर होगा।

जातिगत गणना रोककर क्या छुपाना चाहते हैं

पीसीसी प्रमुख ने जातिगत गणना का समर्थन करते हुए कहा कि जातिगत गणना तो आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से क्यों डर रहे हैं, हम क्या छिपा रहे हैं? इस पर तो फौरन फैसला करना चाहिए।

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