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शेख हसीना जल्द छोड़ सकती हैं भारत! अमेरिका ने रद्द किया वीजा, ब्रिटेन ने भी दिया झटका; जानें यूरोप के किस देश में लेंगी शरण

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी भी हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में हैं, जिनकी आगे की रणनीति को लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं। इन सब के बीच शेख हसीना को अमेरिका ने बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका ने शेख हसीना का बीजा रद्द कर दिया है। इससे पहले उनके लंदन जाने की बात सामने आई थी, लेकिन ब्रिटेन ने अपने देश में आने की परमीशन नहीं दी है।

उधर, बांग्लादेश में जल्द ही नई अंतरिम सरकार का गठन हो सकता है। छात्रों ने अल्टीमेटम दिया था कि उन्हें न तो बांग्लादेश में सैन्य शासन कबूल है और न ही सैन्य समर्थित सरकार कबूल है। छात्रों के अल्टीमेटम के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन संसद भंग कर दी है।

अगले 48 घंटे में छोड़ सकती हैं भारत

इस बीच बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री अगले 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं। इसके अलावा अन्य देशों से भी उनकी बातचीत चल रही है। हालांकि यूरोप के वो किस देश में जाएंगी इसको लेकर कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई। ऐसी भी चर्चा है कि वह रूस में भी शरण ले सकती हैं। फिलहाल शेख हसीना को गाजियाबाद स्थित हिंड़न एयरबेस के सेफ हाउस में रखा गया है। भारत ने उनकी कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की है।

लंदन क्यों जाना चाहती थीं शेख हसीना?

शेख हसीना ने लंदन जाने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनकी बहन शेख रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं। ट्यूलिप ट्रेजरी की आर्थिक सचिव हैं और हैम्पस्टेड और हाईगेट से लेबर सांसद हैं। ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने 5 अगस्त को लंदन में एक बयान में कहा, “हसीना ने नई दिल्ली को अपने संभावित भावी कदमों के बारे में अवगत करा दिया है। यह भी पता चला है कि हसीना के परिवार के सदस्य भी फिनलैंड में हैं और इसीलिए उन्होंने उत्तरी यूरोपीय देश के लिए रवाना होने पर भी विचार किया।”

 

शेख हसीना सदमे में हैं : एस जयशंकर

भारत सरकार ने मंगलवार सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- शेख हसीना सदमे में हैं। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने कहा कि सरकार हसीना को सदमे से उबरने के लिए समय दे रही है और इसके बाद वह उनकी भविष्य की योजनाओं सहित अन्य मुद्दों पर उनसे बात करेगी।

बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार की नजर

एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।

विपक्षी नेता खालिदा जिया जेल से रिहा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है। खालिदा जिया शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। साल 2007 में बांग्लादेश में हो रहे चुनाव के दौरान फैली हिंसा के दौरान बनी कार्यकारी सरकार ने खालिदा जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में साल 2018 में उनको सजा सुनाई गई थी। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद ही राष्ट्रपति ने खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया था। खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख हैं।

बांग्लादेश लौटा मिलिट्री प्लेन

बांग्लादेश वायुसेना का C-130J ट्रांसपोर्ट विमान आज (6 अगस्त) सुबह हिंडन एयरबेस से उड़ान भरकर वापस बांग्लादेश पहुंच गया। बताया जा रहा है कि इस प्लेन में शेख हसीना सवार नहीं थीं। सुरक्षा को देखते हुए पूरे प्लेन को सीक्रेट रखा गया है।

शेख हसीना ने PM पद से दिया इस्तीफा

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन सोमवार (5 अगस्त) को इतना तेज हो गया कि हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए। इस बीच सेना के अल्टीमेटम के बाद पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश भी छोड़ दिया। वह देश छोड़कर ढाका से अगरतला के रास्ते भारत पहुंचीं। चर्चा है कि शेख हसीना लंदन या फिनलैंड जा सकती हैं।

बांग्लादेश में सेना बनाएगी अंतरिम सरकार

सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि, पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। अब हम अंतरिम सरकार का गठन करके शासन करेंगे, हमारे देश का नुकसान हो रहा है। संपत्ति का नुकसान हो रहा है। मुझे दायित्व दीजिए, मैं सब संभाल लूंगा। जो हत्या हुई उस पर न्याय होगा। बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

आपकी जो मांग है उसे हम पूरा करेंगे। देश में शांति वापस लाएंगे। तोड़फोड़-आगजनी मारपीट से दूर रहिए। आप लोग हमारे साथ चलेंगे तो हम स्थिति बदल देंगे। मारपीट हिंसा अराजकता संघर्ष से दूर रहिए। हमने आज सभी पार्टी नेताओं से बात की है।

आंदोलन में तीन हफ्तों में 300 से ज्यादा मौतें

रविवार को 100 लोगों की मौत हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते तीन हफ्तों में यहां हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

BSF ने बांग्लादेश से लगी सीमा पर जारी किया ‘हाई अलर्ट’

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सोमवार को बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी सभी यूनिट के लिए ‘हाई अलर्ट’ जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के कार्यवाहक डीजी दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के अग्रिम मोर्चे का दौरा किया। महानिदेशक दिल्ली से विमान के जरिये करीब सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कोलकाता पहुंचे। महानिदेशक ने ‘उत्तर 24 परगना’ जिला और सुंदरबन इलाके में तैयारियों की समीक्षा की।

आरक्षण है आंदोलन की वजह

छात्रों ने पिछले महीने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था। वे लगातार इस आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। जिसके चलते पहले भी व्यापक रूप से हिंसा भड़क चुकी है और अब तक करीब 200 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रविवार (4 अगस्त) को हुई इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया। राजधानी ढाका में स्थित शाहबाग चौराहे पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। इसके अलावा वहां मौजूद गाड़ियों में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे भी लगाए।

क्या है सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम

बांग्लादेश में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण तय किया गया था। बांग्लादेश की सरकार ने 2018 में अलग-अलग कैटेगरी को मिलने वाला 56 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को वहां के हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए दोबारा आरक्षण लागू कर दिया था। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। बढ़ते हिंसा प्रदर्शन को देखते हुए कोर्ट ने 21 जुलाई को आरक्षण की सीमा 56 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दी। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5 प्रतिशत आरक्षण तय किया था जो पहले 30 प्रतिशत था। बाकी 2 प्रतिशत आरक्षण एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों के लिए तय किया गया था।

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