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पीपुल्स इंपेक्ट – खबर प्रकाशित होने के बाद पूरी हुई छतरपुर से 340 किमी पैदल चलकर CM को राखी बांधने आई विमला की इच्छा, तोहफे में मिले 25 हजार, साड़ियां और मिठाई, कार से हुए घर रवाना

भोपाल – सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने और उन्हें राखी बांधने के लिए पैदल अपने पति के साथ भोपाल आई विमला बाई प्रजापति की इच्छा रक्षाबंधन वाले दिन पूरी हुई। पीपुल्स अपडेट और पीपुल्स समाचार में समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विमला और उनके पति हरि को सुबह सीएम हाउस से बुलावा आया। मुख्यमंत्री शिवराज ने तकरीबन एक घंटे का समय इस परिवार के साथ बिताया और इस दौरान विमला ने सीएम को   राखी और नारियल सौंपा।  सीएम ने दोनों से कहा कि वे अब उनके परिवार से लगातार संपर्क में रहेंगे और छतरपुर आने पर उनके घर चाय भी पिएंगे।

तोहफे में मिला 25 हजार का चेक, हुई आवभगत

सीएम शिवराज ने राखी बंधवाने के बाद विमला को तोहफे में 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता का चेक दिया। इसके अलावा सीएम हाउस से विदा करते समय विमला को साड़ियां और मिठाई भी दी गई। हरि को भी तोहफे में नए कपड़े दिए गए। यह दंपति छतरपुर से साइकिल पर अपना सफर का सामान लादकर पैदल आया था लिहाजा इन्हें इनके घर तक छोड़ने के लिए कार बुलाई। तकरीबन एक घंटे तक आवभगत के बाद दोनों फोर व्हीलर से छतरपुर रवाना हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री निवास पर दोनों की जमकर आवभगत भी हुई।

आंखों में खुशी के आंसू लेकर हुए विदा

हरि और विमला 15 अगस्त की शाम को छतरपुर से पैदल रवाना हुए थे। कल दिन में वे भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों ने अनुमति न होने के कारण मिलने नहीं दिया। उन्हे तकरीबन 4-5 घंटे इंतजार के बाद बताया गया कि सीएम अभी भोपाल में नहीं हैं। ऐसे में वे निराश होकर कल रात छतरपुर जाने के लिए नादरा बस स्टैंड पहुंच गए थे। पीपुल्स अपडेट और पीपुल्स समाचार ने इस संबध में समाचार प्रकाशित किया था, जिसके बाद हरि और विमला को आज सीएम हाउस में बुलाया गया। घर वापस रवाना होने से पहले हरि और विमला ने बेहद भावुक होते हुए कहा कि उनकी इच्छा पीपुल्स अपडेट और पीपुल्स समाचार में खबर प्रसारित होने के बाद ही पूरी हो सकी।

राखी नहीं बांध पाने का था मलाल

विमला सीएम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से काफी प्रभावित हैं। लाड़ली बहना योजना से उन्हें 1 हजार रुपए मिले थे, इसलिए पैदल चलकर अपने भैया की कलाई पर राखी बांधकर धन्यवाद देना चाहती थी। छतरपुर से लगभग 340 किमी पैदल चलकर भोपाल आने के कारण दंपति के पांवों में छाले पड़ गए थे। ये दोनों कुल 14 हजार रूपए लेकर निकले थे और कल रात उनके पास केवल 500 रुपए ही बचे थे।

 

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