इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर में CM शिवराज बोले- MP की धरती पर लव जिहाद का खेल नहीं चलने दूंगा, टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण कर समझाया पेसा एक्ट

मध्य प्रदेश में क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा भील का बलिदान दिवस मनाया जा रहा है। इसके तहत रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर के भंवरकुआं चौराहे पर टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान सीएम ने भंवरकुआं चौराहे का नाम टंट्या मामा चौराहा करने की भी घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस चौराहे का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।

पातालपानी में क्रांतिसूर्य टंट्या मामा भील के चरणों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

सीएम की मुख्य बातें…

  • शिवराज ने टंट्या मामा की जय बोलने के साथ शुरू किया संबोधन। कहा- मप्र की जनता की ओर से मामा टंट्या के आगे शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं। उन्होंने भारत माता के शीश से परतंत्रता की बेड़ियां काटने के लिए पूरा जीवन लगा दिया।
  • पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी हमारे वीरों की प्रतिमाएं शहरों ने नहीं लगाईं। आज हमारी सरकार ने इंदौर शहर में टंट्या मामा की भव्य प्रतिमा लगाई है।
  • आज का यह कार्यक्रम सामाजिक क्रांति का शंखनाद है। यह कार्यक्रम गरीब जनता की जिंदगी में बदलाव का कार्यक्रम है। मैं यह केवल बोलने के लिए नहीं कह रहा। एक तड़प है, एक जुनून है। टंट्या मामा के रास्ते पर चलकर हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी ने आदिवासी भाई-बहनों के लिए जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करना है।
  • सीएम ने कहा- जो पेसा कानून को समझ रहे हैं, वे हाथ उठाएं। उन्होंने पूछा- बताओ पेसा पढ़ाऊं क्या। मुख्यमंत्री ने कहा- मैं हूं मास्टर ट्रेनर। आज ट्रेंड करने आया हूं। आपको पता ही नहीं चलेगा तो पता कैसे चलेगा कि पेसा है क्या? पेसा कर्मकांड नहीं, आपकी जिंदगी बदलने का महाअभियान है।
  • पेसा कानून लागू करने में सबका साथ चाहता हूं। पेसा किसी के खिलाफ नहीं है। कांग्रेसियों से कुछ नहीं बनता तो वे दूसरों को भड़का रहे हैं कि यह तुम्हारे खिलाफ है। यह किसी के खिलाफ नहीं बल्कि आदिवासियों के हक में हैं। यह गांव में लागू होगा, शहरों में लागू नहीं होगा।
  • भगवान ने जो धरती, जमीन, जंगल, पत्थर, रेत, मिट्टी सबके लिए बनाई तो इस पर सबका हक होना चाहिए। पेसा पहला अधिकार जमीन का देता है।
  • इस जमीन के अधिकार में पहली चीज जो कही गई है। हर साल पटवारी और फॉरेस्ट बीट गार्ड पेसा ग्राम सभा की जमीन का नक्शा, खसरे की नकल और बी-1 की कॉपी ग्राम सभा में रखेंगे। नक्शा इसलिए कि किसी की जमीन किसी के नाम न हो। इसीलिए पटवारी, बीट गार्ड को ग्राम सभा भेजा जाएगा और वे बताएंगे कि कोई गड़बड़ होगी तो तुरंत पता चल जाए।
  • जमीन सुरक्षित रखनी है तो जमीन का नक्शा हर साल हमारे पास आना चाहिए। कई दूसरे धर्म वाले अगर आदिवासी की जमीन वैसे नहीं खरीद सकते तो आदिवासी बेटी से शादी करके उसके नाम पर जमीन खरीदवाते हैं। ये पाप है…। ये लव नहीं है। ये लव के नाम पर जिहाद है। मैं किसी भी कीमत पर मप्र की धरती पर लव जिहाद का खेल नहीं चलने दूंगा। उसमें आपका साथ चाहिए।
  • कोई भी हमारे बच्चों को छल ले। शादी करके 35 टुकड़े कर दें। क्या ये सहन करेंगे। जरूरत पड़ी तो लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाएगा।
  • सरपंची का चुनाव लड़वाना है तो शादी कर ली। ऐसा नहीं होगा। ऐसे लोगों को जमीन का अधिकार न दिलाने के लिए हम कड़ा कानून लाएंगे।
  • पेसा हमें ये अधिकार देता है कि अगर छल-कपट से किसी ने जमीन नाम करवा ली, ग्राम सभा उसकी जमीन वापस दिला सकेगी। ग्राम सभा को ये अधिकार मिलेगा।
  • जमीन पर रेत, खनिज आदि का सर्वे करने के लिए ग्राम सभा की अनुमति लगेगी। सरकार कहीं का भी सर्वे नहीं करवा सकेगी। अपने गांव की सीमा में आने वाली रेत की खदानों, पत्थर और गिट्टयों का फायदा मिलना चाहिए कि नहीं। उस पर पहला हक गांव की आदिवासी सहकारी समिति को होगा।

टीचर बने शिवराज

टीचर बने शिवराज, कहा – बात समझ नहीं आई तो पूछ लेना। ये क्लास है। क्या मेरे बेटा-बेटी क्रेशर नहीं चला सकते। इन पर पहला अधिकारी गांव की सहकारी समिति का। दूसरा अधिकार महिला का अधिकार। उसके बाद पुरुष का।

जल का अधिकार : गांव में तालाब है तो 100 एकड़ तक जिस जमीन पर सिंचाई होती है तो उस पर ग्राम सभा का अधिकार होगा। वहां मछली पालन या सिंघाड़े की खेती होनी है, ग्राम सभा तय करेगी। ग्राम सभा के पास ही इसकी कमाई आएगी।

गांव की सभा रेट तय करेगी : सीएम

तीसरी बात है जंगल की। जंगल में दो तरह की चीजें होती हैं। एक होती है वनोपज। महुआ, हर्रा, बहेड़ा, आंवला, शहद, गोंद, लाख आदि अब तक वनोपज संघ खरीदता था। अब ये सारी चीजें इकट्ठा करने और इसके रेट तय करने का अधिकार भी ग्राम सभा को दिया जा रहा। अब ये नहीं होगा कि हमने महुआ बटोरे और चार रुपइया किलो बिके। और खरीदने वाला 100 रुपए में बेचे। अब गांव की सभा इसके रेट तय करेगी।

तेंदूपत्ता तोड़ने और बेचने का कार्य भी ग्राम सभा को दिया

तेंदूपत्ता भी वनोपज संघ खरीदता है। अब तेंदूपत्ता तोड़ने और बेचने का कार्य भी ग्राम सभा को दिया जा रहा है। उसका मुनाफा गांव में बंटेगा। 15 दिसंबर तक गांव की समिति को प्रस्ताव पारित करना पड़ेगा कि हम तेंदूपत्ता तोड़ेंगे…। बेचेंगे..। आप नहीं तोड़ेंगे तब सरकार तुड़वाएगी।

अब मनरेगा से गांव में कौन सा काम होगा। ये ग्राम सभा तय करेगी। सरकार और पंचायत सचिव तय नहीं करेगा। मनरेगा का पूरा मस्टर रोल ग्राम सभा में रखना पड़ेगा, जिससे हमारा पैसा कहीं फालतू न चला जाए।

मेरी तो इच्छा है, धीरे-धीरे शराब बंद हो जाए

सीएम ने कहा- गांव में नई शराब या भांग की दुकान सरकार नहीं खोल सकती। पहले ग्राम सभा से पूछना पड़ेगा कि खोलना है या नहीं। शराब की बिक्री रोकने का अधिकार भी अब ग्राम सभा को होगा। कहीं गड़बड़ शराब बिकती है तो उसे बंद करा दें। मेरी तो दिल से इच्छा है कि धीरे-धीरे ये शराब बंद हो जाए रे। हम धीरे-धीरे अभियान चलाएंगे।

सीएम शिवराज ने कहा- पेसा में अधिकार है कि आप स्कूल, धर्मशाला, स्कूल चेक करो। अब मास्साब हैं कि ढंग से पढ़ाएं। कांग्रेस के जमाने में मास्साबों को तन्ख्वाह मिलती है 500 रुपइया, 1200 रुपइया। हमने कर दी 40 हजार। अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे ढंग से पढ़ाएं।

गांव का झगड़ा गांव में ही निपटेगा

गांव में लड़ाई होती है तो थाने जाते हैं। लेकिन ये छोटे-मोटे विवाद थाने नहीं जाने चाहिए। बड़े मामलों की बात अलग है। छोटे मामलों के लिए गांव में शांति समिति बनेगी। ये विवाद निवारण समिति छोटे-मोटे झगड़े को सुलटा देगी, ताकि गांव वाले पुलिस में न जाएं। अपने झगड़े अपन निपटाएं। काहे को पुलिस के चक्कर में पड़ें। बहनों पेसा की समितियों में एक तिहाई बहनें रहेंगी। वे ग्राम सभा की व्यवस्थाओं को सही करने का इंतजाम करेंगी।

टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण किया।

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