
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने शनिवार को फर्जी इंस्टेंट लोन एप का खुलासा किया है, जो पहले जरूरतमंद को तत्काल लोन देता फिर ब्लैकमेल करके डबल वसूली करता है। पुलिस ने 7 राज्यों से 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं जांच में पता चला है कि गिरोह करीब 200 करोड़ का ट्रांजेक्शन क्रिप्टोकरेंसी में कर चुके हैं। आरोपियों के तार चाइना, सिंगापुर, फिलीपींस, दुबई से जुड़ रहे हैं।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) October 29, 2022
ब्लैकमेल कर दोगुना वसूलते थे आरोपी
भोपाल क्राइम ब्रांच डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम भोपाल को इंस्टेंट लोन एप की शिकायतें मिल रही थीं। इसमें फरियादियों को समय पर लोन न चुका पाने पर कॉल व व्हाट्सअप पर मैसेज के माध्यम से फरियादी का मोबाइल डाटा इस्तेमाल करके ब्लैकमेल कर लोन री-पेमेंट के नाम पर दोगुने पैसे वसूले जा रहे हैं।
गिरोह एप के जरिए शॉर्ट टर्म लोन देता है। आरोपी लोन देते वक्त पीड़ित की मजबूरी का फायदा उठाते हुए आवेदक के मोबाइल की फोटो और कॉन्टैक्ट लिस्ट का एक्सेस ले लेते थे। लोन नहीं चुकाने की स्थित में गिरोह उन नंबरों पर कॉल कर, अश्लील मैसेज करके बदनाम करते हैं। रिश्तेदारों को फोन कर रिकवरी करने की धमकी देते हैं।
आरोपियों का विदेश से भी जुड़ा कनेक्शन
शिकायतों पर पुलिस ने एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम ने दो कॉल सेंटर पर छापेमार कार्रवाई कर 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें राजस्थान से 5, गुजरात से 1, कर्नाटक से 1, हरियाणा से 4, उत्तर प्रदेश से 1, महाराष्ट्र से 1 व मध्य प्रदेश से 3 आरोपी शामिल हैं। आरोपियों के तार विदेश से भी जुड़े हुए हैं, विदेशी जालसाजों की तलाश की जा रही है।
200 करोड़ का किया बैंक ट्रांजेक्शन
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने ब्लॉकचेन के आधार पर क्रिप्टोकरेंसी का एनालिसिस किया। 1000 से भी अधिक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट एड्रेस का एनालिसिस करने पर 56 संदिग्ध वॉलेट एड्रेस को चिन्हित किया गया, जो अलग-अलग देशों से संचालित होते मिले। इसके बाद उस वॉलेट को इस्तेमाल करने वाले की जानकारी जुटाई गई। इसमें एक वॉलेट एड्रेस के आधार पर इस्तेमाल करने वाले की पहचान की गई। उस आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में मिली जानकारी के अनुसार करीब 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी और बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली। उसकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

विदेशों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में भेजा पैसा
पुलिस को जांच में पता चला कि जालसाज फरियादियों को ब्लैकमेल करके यूपीआई पेमेंट ऐप के माध्यम से पैसे जमा कराते थे। साइबर क्राइम की टीम ने यूपीआई पेमेंट एप से जानकारी प्राप्त की, जिसमें पता चला कि उक्त पैसा सेविंग, करेंट, कॉरपोरेट बैंक अकाउंट एवं पेमेंट गेटवे से प्राप्त किया जा रहा है। साइबर क्राइम टीम ने उन बैंक खाता धारकों को गिरफ्तार किया, जिसमें पता चला कि बैंक खाते टेलीग्राम एप पर चीनी नागरिकों को बेच दिया गया है।
इस पर साइबर क्राइम टीम ने 100 से भी ज्यादा बैंक खातों की जांच की। इसमें अधिकतर का उपयोग भारत की सीमा के बाहर दुबई व चीन में होना पाया गया। इन पैसों को भारतीय मुद्रा से क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया। उस क्रिप्टोकरेंसी को चीन व अन्य देशों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में भेजा गया।
चीनी मोबाइल एप का किया उपयोग
टेलीग्राम एप पर चल रहे लोन एप से संबंधित आरोपियों के डाटा का एनालिसिस करने पता चला कि बैंक खाते का उपयोग करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बैंगलोर और दिल्ली भेजा जाता था। इसके बाद उस मोबाइल नंबर को चाइना में चलाने के लिए एक मोबाइल एप (.apk file) का उपयोग किया जाता था। इस एप को चीनी नागरिकों द्वारा बनाया गया है, जिससे भारतीय मोबाइल नंबर के डाटा का आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। उक्त एप के बारे में ज्यादा जानकारी फोरेंसिक के माध्यम से प्राप्त की जाएगी।
भोपाल क्राइम ब्रांच टीम ने गूगल को लिखा पत्र
साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम ने जांच में पाया कि एप गूगल प्ले स्टोर पर है। डाउनलोड करते ही यूजर का डाटा क्रिमिनल्स के पास चला जाता है। इसका गलत इस्तेमाल करके ब्लैकमेल करते हैं। भोपाल क्राइम ब्रांच टीम ने गूगल प्ले स्टोर से ऐसे एप हटाने के लिए गूगल को पत्र लिखा। जिसमें 10 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप को ब्लॉक करने की मांग की गई है।
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