
पुनीत हुकवानी-डबरा। वे सिंधी समाज के हीरा हैं। पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष हैं। व्यवसाय करते हैं और समाजसेवा के लिए इन्होंने सबसे अलग राह चुनी है। यह उनका अंतिम संस्कार करवाते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है या किसी अन्य कारणवश अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं। सिंधी समाज में प्रतिष्ठित हीरा रहेजा अभी तक 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। सेवा के लिए अपनी पूंजी से ही एक स्वर्गरथ और एक एंबुलेंस खरीदी है। यह वाहन सभी के लिए नि:शुल्क है और जब भी सूचना मिलती है, वे खुद ही यह स्वर्ग रथ चलाकर ले जाते हैं।
खुद के खर्च पर करते हैं व्यवस्थाएं
सूचना मिलते ही हीरा रहेजा अंतिम संस्कार की सामग्री लेकर शोक संतप्त परिवार के दरवाजे पर पहुंच जाते हैं। अंतिम संस्कार करवाने में पूरी सामग्री पर हर बार लगभग 3 हजार रुपए का खर्च आता है। इसके साथ ही श्मशान घाट पर सारी व्यवस्था वह अपने खर्चे पर ही करते हैं। हीरानंद रहेजा ने सायकल के काम से व्यवसाय शुरू किया था। अब वे पंप-मोटर, नल फिटिंग सामान और आयरन एवं पीवीसी पाइप का व्यवसाय कर रहे हैं। कमाई का एक हिस्सा अंतिम संस्कार की मदद के लिए निकालकर रखते हैं। उनकी इस सेवा के कारण लोगों ने उन्हें भूत बाबा नाम दे दिया है। हालांकि, वे इस नाम से चिढ़ते हैं और कहते हैं कि उनको हमेशा साधारण मनुष्य के तौर पर पहचाना जाए।
हीरा रहेजा पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष हैं। वे अपने खरीदे गए एंबुलेंस और शव वाहन अंतिम संस्कार के लिए भेजते हैं। -राजू नारंग, व्यवसायी
हीरानंद नि:शुल्क अंतिम संस्कार करवाते हैं। इसके लिए वे अपनी कमाई से ही खर्च करते हैं, किसी से कोई चंदा नहीं मांगते। -दीपक चतुर्वेदी, अधिवक्ता