
ग्वालियर। 20 साल पहले वर्ष 2004 में सपना की शादी हरिओम पचौरी के साथ हुई थी। हरिओम गुना में तहसीलदार के रूप में पदस्थ हैं, शादी के बाद जब संतान नहीं हुई तो सबकुछ भगवान के ऊपर छोड़ दिया। इतने साल बाद जब बेटी की प्राप्ति हुई तो सब खुशी के मारे उछल पड़े। सपना बच्ची के साथ मुरार स्थित निवास पर अस्पताल से लौट आई। इस दौरान बच्ची को देखकर नातेदार-रिश्तेदार झूम उठे। परिजनों ने रेड कार्पेट वेलकम अंदाज में नवजात बच्ची का जोरदार स्वागत किया।
घर के बाहर फूलों को बिछाया और फिर जच्चा-बच्चा का नातेदार और रिश्तेदारों ने यह कहकर स्वागत किया कि चलो 20 साल बाद सही सपना ने पुत्री रत्न को जन्म दिया है। हरिओम पचौरी का कहना है कि बच्ची के पैर आंगन में पड़े तो सबकुछ अच्छा हो गया। बच्ची की किलकारी से घर-आंगन झूम उठा।
लक्ष्मी देवी घर आईं
हरिओम पचौरी का कहना है कि जब आंगन में बच्ची का स्वर गूंजा तो सभी लोगों ने उसे गोद में उठाकर जश्न मनाने लगे। नवजात बच्ची के मामा वैभव का कहना है कि हमारे लिए क्या बेटा और क्या बेटी। दोनों ही एक समान हैं, लेकिन पहली बच्ची घर आने की खुशी हमारे लिए किसी से कम नहीं है। हम और हमारे परिजनों ने बच्ची की झलक लक्ष्मी देवी के रूप में पाई है।