भोपालमध्य प्रदेश

MP के राज्यपाल ने रोका कुलपतियों के लिए लग्जरी गाड़ी खरीदने का प्रस्ताव, कहा – यूनिवर्सिटी का पैसा छात्र हित में लगाएं

भोपाल। मध्यप्रदेश के ढाई दर्जन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए लग्जरी गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने रोक लगा दी है। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव से विश्विद्यालय पर बोझ बढ़ता है। ऐसे प्रस्ताव बनाए जाने चाहिए, जिससे छात्रों को फायदा मिले।

6 कुलपति खरीदना चाहते थे लग्जरी गाड़ी

हाल ही में विश्वविद्यालयों की समन्वय समिति की बैठक में कुलपतियों के लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव आया था। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैं स्वयं लग्जरी गाड़ी का उपयोग नहीं करता हूं। विश्वविद्यालय में रखी राशि छात्रों के हित में खर्च होनी चाहिए। प्रदेश में करीब दो दर्जन विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें से करीब आधा दर्जन के कुलपति लग्जरी गाड़ी खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी करने वाले थे। इसमें भोपाल के दो विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। राज्यपाल की चेतावनी के बाद कुलपतियों ने प्रक्रिया रोक दी है।

कुलपति से कुलगुरु हुआ पदनाम

इधर, समन्वय समिति में कुलपति का पदनाम बदलकर कुलगुरु कर दिया गया है। अंग्रेजी में कुलगुरु को वाइस चांसलर ही कहा जाएगा। हालांकि, अभी विवि में कुलपति के ही साइनबोर्ड लगे हुए हैं। अभी इसका नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हुआ है।

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6 जनवरी से हड़ताल पर जाएंगे आउटसोर्स बिजलीकर्मी

प्रदेश के बिजली आउट सोर्स और संविदा कर्मचारियों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि 5 जनवरी तक उनकी लंबित मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो वे 6 जनवरी से हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे बिजली की रीडिंग, बिलिंग और बिलों का वितरण नहीं होगा। इसके अलावा कॉल सेंटर पर आने वाली फॉल्ट की शिकायतों का निराकरण भी नहीं होगा। रविवार को मप्र बिजली आउट सोर्स कर्मचारी संगठन संयुक्त सम्मेलन में यह फैसला लिया गया है। संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव का कहना है कि इस सम्मेलन के जरिए आंदोलन की रणनीति बनाकर कर्मचारी संयुक्त ताकत दिखाएंगे, जिससे ध्य प्रदेश सरकार आउट सोर्स संविदा कर्मचारियों को लेकर अन्य राज्यों की तरह निर्णय लेने पर मजबूर हो सके। इस संबंध में संयुक्त सम्मेलन करके कर्मचारियों से चर्चा की गई है। आने वाले दिनों में कर्मचारियों की मांगों को अगर राज्य सरकार ने नहीं पूरा किया तो राजधानी सहित प्रदेश भर में कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

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