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हिमाचल प्रदेश में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के सभी 6 बागी विधायक अयोग्य घोषित, सदस्यता रद्द हुई, व्हिप के उल्लंघन पर स्पीकर ने लिया एक्शन

नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है और तत्काल प्रभाव से उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। बता दें कि इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए सुक्खू सरकार की तरफ से याचिका लगाई गई थी। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, इंद्र लखन पाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं।

व्हिप के उल्लंघन पर एक्शन

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दल-बदल कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ शिकायत विधायक और मंत्री हर्ष वर्धन के माध्यम से हमारे सचिवालय को मिली थी। विधायकों ने चुनाव तो कांग्रेस पार्टी से लड़ा लेकिन, पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया और उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं दिया। मैंने सभी पक्षों को सुना। मेरे ऑर्डर तीस पेज के है। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया।

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से बदला सियासी माहौल

कुछ दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल तेज हुई थी। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। जिसके बाद राज्यसभा चुनाव में सियासी माहौल बदल गया। जिसके बाद क्रॉस वोटिंग से हिमाचल सरकार खतरे में आ गई थी। वहीं, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।

अभी भी सुक्खू सरकार पर मंडरा रहा खतरा

हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 35 था। कांग्रेस के पास 40 विधायक थे। कांग्रेस के 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इन विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस नंबरगेम में 40 से 34 पर आ गई। यानी चुनाव में कांग्रेस के 6 वोट कम हो गए थे। कांग्रेस के पास बहुमत के लिए एक वोट कम था। अब 6 बागी विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य घोषित कर दिया है। अब हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यों वाली विधानसभा में स्ट्रेंथ 62 रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा अब 32 हो गया है। बीजेपी के पास राज्य में 25 विधायक हैं और तीन निर्दलीय भी उसके पाले में हैं। वहीं, कांग्रेस के चार विधायक आज सीएम के नाश्ते पर नहीं पहुंचे। तो ऐसे में स्पीकर के फैसले के बावजूद अभी भी सरकार पर मंडरा रहा खतरा कम नहीं हुआ है।

राज्यसभा चुनाव में कैसे हुआ खेला?

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव था। इसे जीतने के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत थी। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। हिमाचल में बीजेपी के पास 25 विधायक हैं। उसके पास 10 वोट कम थे, फिर भी पार्टी ने हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतार दिया।
जब चुनाव हुए तो कांग्रेस के 6 विधायकों ने तो क्रॉस वोटिंग की। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट दिया। इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को 34-34 वोट मिले और मैच ड्रॉ हो गया। आखिरकार पर्ची के जरिए फैसला किया गया, जिसमें बीजेपी के हर्ष महाजन की जीत हुई।

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