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इंदौर में गोबर, जड़ी-बूटियों की गणेश मूर्ति का क्रेज, 4 साल में 6 गुना बढ़ी मांग

साईं नाथ मंदिर ट्रस्ट गोशाला के अध्यक्ष अक्षय मित्तल की पहल

इंदौर। प्रकृति, पर्यावरण और बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गोबर और 5 तरह की जड़ी- बूटियों के मिश्रण से इंदौर में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करने का चलन बढ़ा है। इनकी कीमत 100 से 3500 रुपए तक है। साईं नाथ मंदिर ट्रस्ट गोशाला अध्यक्ष अक्षय मित्तल ने बताया कि इक्रो फ्रेंडली गणेश प्रतिमा का चलन बढ़ गया है। लोगों की डिमांड को देखते हुए इस बार छह हजार से ज्यादा प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड गोबर की बनी प्रतिमाओं की है। इनका साइज 4 इंच से 3 फीट तक है। इन मूतियों का विसर्जन घरों में आसानी से हो जाता है और बाद में यही मिट्टी घर के गॉर्डन में खाद का काम करती है।

इन चीजों का किया इस्तेमाल

गाय का गोबर, हल्दी, मैदे के पौधे की लकड़ी का पाउडर, इमली के बीज का पाउडर, चावल का आटा और हल्दी।

107 क्विंटल मटेरियल से बनी छह हजार मूर्तियां

  • गोबर: 100 क्विं.
  • हल्दी: 8 किग्रा
  • मैदे की लकड़ी का पाउडर : 3 क्विं.
  • चावल आटा: 2 क्विंटल
  • इमली बीज का पाउडर: 2 क्विंटल

इधर, घर में स्थापित करने के लिए सोने, चांदी के गणेश की डिमांड, कीमत 1 लाख रुपए तक

इंदौर। इस गणेश चतुर्थी भगवान गणेश सुख, समृद्धि के साथ आने वाले हैं। कुछ संपन्न और मध्यमवर्गीय परिवार सोने और चांदी से बनी हुई गणेश प्रतिमां की स्थापना की तैयारी में जुट गए हैं। इस साल बाजार में इनकी मांग बढ़ गई है। इंदौर सराफा बाजार में इन मूर्तियों की कीमत 850 रुपए से लेकर एक लाख तक है। मध्यप्रदेश सराफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष निर्मल वर्मा घुंघरु ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल गणेश उत्सव पर बाजार में सोने और चांदी से बनी गणेश मूर्तियों की मांग में एकदम से तेजी देखने को मिली है। हालांकि, सालभर छुटपुट मांग रहती है, पर इस बार कुछ अलग ही नजर आ रहा है। बाजार में चांदी की एक-दो ग्राम से लेकर एक किलो तक की मूर्तियां बनाई गई हैं, जो 1 लाख रुपए तक की है।

(इनपुट-प्रभा उपाध्याय)

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