
प्रयागराज। मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को बैरिकेडिंग टूटने की घटना के बाद मची भगदड़ में अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 60 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मेला प्रशासन द्वारा यह आंकड़ा जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
मरने वालों में 25 लोगों की हुई पहचान
महाकुंभ DIG वैभव कृष्ण ने जानकारी देते हुए कहा कि मरने वालों में 25 की शिनाख्त कर ली गई है, जबकि पांच की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें से कर्नाटक के चार, असम और एक गुजरात का एक एक श्रद्धालु शामिल है। कुछ घायलों के परिजन अपने मरीज को लेकर चले गए हैं, जबकि 36 का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है, जिस पर घायल के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस समय स्थिति पूरी तरह सामान्य है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पूज्य संतों, महामंडलेश्वरों से आग्रह किया है कि वे इस अमृत स्नानों के भागीदार बने। श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए अखाड़ों ने अमृत स्नान किया जो सकुशल संपन्न हो गया है।
महाकुंभ DIG ने बताया भगदड़ के पीछे का कारण
महाकुंभ DIG वैभव कृष्ण ने घटना की वजह के बारे में बताया कि मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से मंगलवार देर रात एक से दो बजे के मध्य मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना और उस दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरिकेड्स टूट गए। उन्होंने बताया कि घाट पर ब्रह्म मुहूर्त के स्नान के इंतजार में बैठे और कुछ लेटे हुए श्रद्धालुओं को इस भीड़ ने कुचलना शुरू कर दिया। हालांकि, प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए कॉरिडोर बनाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन उसमें से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई।
महाकुंभ में अचानक मची भदगड़
प्रयागराज महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई। यह हादसा रात करीब 2 बजे संगम तट के पास हुआ, जब लाखों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए उमड़े थे। अचानक भीड़ का दबाव बढ़ने से श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग कुचल गए और कई नदी में गिर गए। अराजकता के बीच मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी स्थिति संभालने में जुट गए, लेकिन तब तक कई लोगों की जान जा चुकी थी।
प्रयागराज की सीमा अस्थाई तौर पर सील
महाकुंभ में माघ मास के दूसरे सबसे बड़े ”अमृत स्नान” पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए एहतियात के तौर पर प्रयागराज से सटे लगभग सभी जिलों की सीमाओं को अस्थाई तौर पर सील कर दिया गया है ताकि मेला क्षेत्र और नगर में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
महाकुंभ अमृत स्नान तिथियां
- मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2025 के दिन पहला अमृत स्नान हो चुका।
- मौनी अमावस्या – 29 जनवरी 2025 के दिन दूसरा अमृत स्नान होगा।
- बसंत पंचमी – 3 फरवरी 2025 के दिन तीसरा अमृत स्नान होगा।
- माघ पूर्णिमा – 12 फरवरी 2025 के दिन चौथा अमृत स्नान होगा।
- महाशिवरात्रि – 26 फरवरी 2025 के दिन आखिरी अमृत स्नान होगा।
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