
इंटरनेशनल डेस्क। चीन के नॉर्थ वेस्ट में गांसू और किंघाई प्रांत में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। चीन की न्यूज एजेंसी के अनुसार, दोनों प्रांत में करीब 116 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
गांसू में भूकंप से मरने वालों की संख्या 100 के पार हो गई है। वहीं, पड़ोसी प्रांत किंघाई में 11 लोग की भूकंप से मरने की पुष्टि हुई है। चीन की ब्लू स्काई रेस्क्यू टीम राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई है।
भूकंप का केंद्र किंघाई की सीमा से लगभग 5 किलोमीटर (3 मील) दूर गांसू के जिशिशान काउंटी में जमीन से 10 किमी नीचे था। चीन के सरकारी अखबार के मुताबिक, भूकंप से अब तक चाइना के उत्तर पश्चिम गांसू प्रांत में 105 और किंघई प्रांत में 11 लोगों की मौत हो गई।
गांसू प्रांत में पहुंची 33 एम्बुलेंस
न्यूज एजेंसी के अनुसार, चीन की ब्लू स्काई रेस्क्यू टीम राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई है। गांसू प्रांत के जिशिशान काउंटी में 6.2 तीव्रता का भूकंप आने के बाद गांसू स्वास्थ्य विभाग ने 33 एम्बुलेंस और अन्य पेशेवर वाहनों के साथ-साथ 173 चिकित्सा कर्मचारियों को घटनास्थल पर भेजा। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 1,440 फायर फाइटर्स को घटना स्थल पर के इलाके में तैनात किया गया है।
किंघई प्रांत में पहुंची 68 एम्बुलेंस
किंघई प्रांत में 68 एम्बुलेंस और 40 नगरपालिका विशेषज्ञों को भेजा गया। आज मंगलवार की सुबह तक प्रभावित इलाके में 300 से ज्यादा घायलों का इलाज किया गया। भूकंप से किंघई प्रांत के हैडोंग में ज्यादा नुकसान हुआ है। भूकंप के कारण पानी और बिजली लाइनों को बड़ा नुकसान हुआ है। साथ ही ट्रैफिक और संचार भी टूट गया। यहां इस वक्त न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे है। कड़ाके की ठंड के बीच राहत और बचाव का अभियान तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गांसू और आसपास के प्रांत से 1,603 फायर फाइटर्स को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने तत्काल चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया अधिकारियों और गंभीर देखभाल, ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी और सामान्य सर्जरी में विशेषज्ञता वाले राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को गांसू भेजा गया।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
- 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
- वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
- 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
- 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
- 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
- 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
- 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
- 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।
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