
2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा। भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण देश के पूर्वी भागों में और आंशिक ग्रहण शेष राज्यों में नजर आएगा। भारत में सबसे पहले चंद्र ग्रहण अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में देखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भारत में दिखाई देने के कारण सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाएगा।
चंद्र ग्रहण 2022 का समय
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लग रहा है। वैसे तो यह चंद्र ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रहा है। लेकिन, भारत में शाम 5 बजकर 20 मिनट पर दिखाई देगा जो 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण कुछ जगहों पर दिखाई देगा। वहीं, आंशिक चंद्र ग्रहण अधिकांश हिस्सों में दिखेगा। बता दें कि रांची, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, कोलकाता और गुवाहाटी में पूर्ण चन्द्र ग्रहण दिखेगा।
भारत के शहर के हिसाब से चंद्र ग्रहण का सही समय
ईटानगर : शाम 4:28 बजे से शाम 6:18 बजे तक
नई दिल्ली : शाम 5:32 बजे से शाम 6:18 बजे तक
मुंबई : शाम 6:05 बजे से शाम 6:18 बजे तक
चेन्नई : शाम 5:42 बजे से शाम 6:18 बजे तक
हैदराबाद : शाम 5:44 बजे से शाम 6:18 बजे तक
उज्जैन : शाम 5:47 बजे से शाम 6:18 बजे तक
भोपाल : शाम 5:40 बजे से शाम 6:18 बजे तक
बेंगलुरु : शाम 5.53 बजे से शाम 6:18 बजे तक
कानपुर : शाम 5:23 बजे से शाम 6:18 बजे तक
हरिद्वार : शाम 5:26 बजे से शाम 6:18 बजे तक
प्रयागराज : शाम 5:18 बजे से शाम 6:18 बजे तक
अहमदाबाद : शाम 6:00 बजे से शाम 6:18 बजे तक
सूरत : शाम 6:02 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जामनगर : शाम 6:11 बजे से शाम 6:18 बजे तक
नासिक : शाम 5:55 बजे से शाम 6:18 बजे तक
रांची : शाम 5:07 बजे से शाम 6:18 बजे तक
पटना : शाम 5:05 बजे से शाम 6:18 बजे तक
गुवाहटी : शाम 4:37 बजे से शाम 6:18 बजे तक
विशाखापट्टनम : शाम 5:24 बजे से शाम 6:18 बजे तक
गंगटोक : शाम 4:48 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जयपुर : शाम 5:41 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जोधपुर : शाम 5:53 बजे से शाम 6:18 बजे तक
कोलकाता : शाम 4:56 बजे से शाम 6:18 बजे तक
चंडीगढ़ : शाम 5:31 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जम्मू : शाम 5:35 बजे से शाम 6:18 बजे तक
नागपुर : शाम 5:36 बजे से शाम 6:18 बजे तक
सूतक लगने से पहले कर लें ये काम
कल कार्तिक पूर्णिमा पर साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। यह साल का दूसरा चंद्रग्रहण होगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखने के कारण इसका सूतककाल मान्य होगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले तीन काम जरूर कर लें।
तुलसी के पत्ते
ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों को विशेष महत्व बताया गया है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। इससे खाद्य पदार्थ ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं और इन्हें बाद में आसानी से खाया जा सकता है। हालांकि, तुलसी के पत्तों को तोड़ने का भी एक निश्चित समय होता है। आपको न तो ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए और न ही सूतक काल में। बेहतर होगा कि आप सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लें और ग्रहण लगने से पहले ही उन्हें खाने में डाल दें।
मंदिर के कपाट
चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खोला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए। ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर के मंदिरों के कपाट भी बंद ही रखें। इन्हें सूतक काल के प्रारंभ से लेकर ग्रहण समापन तक बंद रखें।
देव दिवाली पर दीपदान
दिवाली पर सूर्य ग्रहण की तरह देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है। दरअसल, देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि 7 नवंबर की शाम 4 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 नवंबर की शाम 4 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग ग्रहण से एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को ही देव दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं।
देव दिवाली के दिन दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन काशी के गंगा घाट पर दीप जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि देव दिवाली पर दीप दान करने से इंसान की तकदीर चमक सकती है। चूंकि 8 नवंबर को भी पूर्णिमा तिथि लग रही है, इसलिए बेहतर होगा कि आप चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले ही दीपदान की परंपरा पूरी कर लें।
(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)