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डोनेशन से संवर रहे सरकारी स्कूल, लैब से लेकर कक्ष तक दान से हो रहे हैं तैयार

रामचन्द्र पाण्डेय भोपाल। सरकार द्वारा शुरू की गई विद्यालय उपहार योजना से राजधानी और उससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बेहतर हुई हैं और इसका लाभ बच्चोें को मिल रहा है।

इस योजना के तहत संस्थाओं और लोगों द्वारा अब तक जिले के 100 से अधिक स्कूलों को सामान डोनेट किया गया है। इनमें वॉटर कूलर, आरओ के अलावा कई संस्थाओं ने कक्ष व लैब का निर्माण कराया है। डोनेशन करने वालों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अलावा बड़ी कंपनियां, बैंकों और स्थानीय लोग भी शामिल हैं। डोनेट किए हुए सामान के मिलने के बाद कई स्कूलों की व्यवस्थाएं प्राइवेट स्कूलों की तरह हो गई हैं। स्थानीय स्तर पर स्कूलों में वॉटर कूलर, आरओ आदि डोनेट करने वाले मेंटेनेंस भी करवाते हैं। कुछ स्कूलों में तो शिक्षकों ने भी अपने स्तर पर कक्ष बनवाने से लेकर वॉटर कूलर तक दान दिए हैं। विद्यालय उपहार योजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देना हैं।

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बावड़िया कलां

बावड़िया कलां हायर सेकंडरी स्कूल में पहली से 12वीं तक की कक्षाएं लगती हैं। इस स्कूल में 572 स्टूडेंट्स के नाम दर्ज हैं। प्राचार्य और एक प्यून के अलावा 29 शिक्षक हैं। पीने के पानी के लिए यहां दो वॉटर कूलर और एक आरओ लगा हुआ है। प्राचार्य बृजेश सक्सेना ने बताया कि यहां पदस्थ एक टीचर ने अपने खर्च से एक कमरे का निर्माण करवाया है। मेंटेनेंस आदि का खर्च भी टीचर ही उठाती हैं। पहले यहां एक कमरे की कमी खलती थी। अब यह समस्या भी दूर हो गई है। बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वॉटर कूलर लगाया गया है।

नवीन उच्चतर माध्यमिक स्कूल, बागसेवनिया

बागसेवनिया के नवीन हायर सेकंडरी स्कूल में नर्सरी से 12वीं तक की कक्षाएं लगती हैं। यहां 1,062 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। यहां 39 शिक्षक कार्यरत हैं। पीने के पानी के लिए नगर निगम द्वारा दो टंकियों का इंतजाम किया गया है। प्राचार्य शिक्षा यादव ने बताया कि एक स्थानीय रिटायर्ड कर्मचारी ने हाल ही में स्कूल को वॉटर कूलर दिया है। इसे शीघ्र लगवाया जाएगा। पूर्व में वर्ड विजन एनजीओ ने स्कूल के पांच कमरों का निर्माण कराया है और फर्नीचर भी उपलब्ध कराया गया है। एक कक्ष में बच्चे बैठकर मध्याह्न भोजन करते हैं। शेष में कक्षाएं लगती हैं।

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मिसरोद

यहां पहली से 12वीं तक की कक्षाएं लगती हैं। इस स्कूल में 876 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। प्राचार्य और 2 प्यून के अलावा 32 शिक्षक पदस्थ हैं। पीने के पानी के लिए यहां तीन वॉटर कूलर लगाए गए हैं, जो स्थानीय लोगों ने डोनेट किए हैं। स्कूल प्राचार्य तरु चौहान ने बताया कि बोरवेल से छत पर रखी पानी की टंकियों को प्रति दिन भरा जाता है। साल में दो बार टंकियों की सफाई अनिवार्य रूप से की जाती है और हर माह टंकियों में क्लोरीन की गोलियां डाली जाती हैं। ताकि पानी पीने योग्य बना रहे।

शहीद हेमू कालानी शा. बालक उमावि, बैरागढ़

बैरागढ़ के सरकारी स्कूल शहीद हेमू कालानी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पहली से 12वीं तक की कक्षाएं लगती हैं। यहां 461 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं और 22 शिक्षक कार्यरत हैं। पीने के पानी के लिए एक वॉटर कूलर लगा है। बोरवेल से टंकियां भरी जाती है, जिनसे पानी की सप्लाई होती है। वॉटर कूलर प्राचार्य सपना श्रीवास्तव ने अपने खर्च पर लगवाया है। बच्चों को यहां साफ पानी मिलता है।

100 से अधिक स्कूलों को डोनेट किया गया सामान

  • एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 30 स्कूलों को वॉटर कूलर दिए गए हैं।
  • प्रॉक्टर एंड गेम्बल कंपनी ने चूनाभट्टी के स्कूल में साइंस लैब का निर्माण कराया है।
  • बैंक के रिटायर्ड कर्मचारियों ने 13 स्कूलों को स्मार्ट टीवी डोनेट की।
  • रोटरी क्लब ने स्कूलों में सेनेटरी पैड बेंडिंग मशीन लगवाई।
  • वर्ड विजन एनजीओ ने बागसेवनिया स्कूल में पांच रूम तैयार कराकर फर्नीचर डोनेट किया है।
  • कई स्कूलों के पास रहने वाले रहवासियों ने वॉटर कूलर सहित अन्य सामान डोनेट किए हैं।

सरकारी स्कूलों के लिए शासन ने दान देने की योजना शुरू की है। इसमें लोग खुलकर दान दे रहे हैं। जिले में 100 से अधिक स्कूलों में कंपनियों और स्थानीय लोगों द्वारा सामान डोनेट किया गया है। इससे बच्चों को स्वच्छ पेयजल और बैठने की उत्तम व्यवस्था के साथ लैब आदि की सुविधा मिल रही है। -नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल

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