
चंडीगढ़। सर्वोच्च सिख धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक रहे दिवंगत प्रकाश सिंह बादल का ‘फख्र-ए-कौम पंथ रत्न’ खिताब रद्द करने की घोषणा की। संस्था का कहना था कि बादल भी सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को माफी देने के प्रकरण में संलिप्त रहे थे।
अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और अन्य ने इसी के साथ शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी को शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे को स्वीकार करने का निर्देश दिया। अकाल तख्त सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर चुका था और आज शिअद नेताओं को सज़ा सुनाई।
गोल्डन टेंपल में सेवा के दौरान गले में रहेगी तख्ती
इस मामले में सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाते हुए अकाल तख्त के जत्थेदा ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा- वह 3 दिसंबर, 2024 से रोजाना दरबार साहिब परिसर में बाथरूम सफाई, बर्तन साफ करने और श्रद्धालुओं के जूते साफ करने व गुरद्वार में कीर्तन में मौजूद रहेंगे। इस दौरान उनके गले में ‘तनखैया’ लिखी तख्ती भी लटकानी होगी। गोल्डन टेंपल में 2 दिन सेवा करने के बाद वह अगले 2-2 दिन केसगढ़ साहिब, दमदमा साहिब, मुक्तसर साहिब, फतेहगढ़ साहिब में सेवा करके अपनी सजा पूरी करेंगे।
बादल ने अकाल तख्त के समक्ष मानीं गलतियां
अकाल तख्त ने शिअद के बागी नेताओं समेत सभी को एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद करने और अकाली दल के लिए मतभेद भुलाने का भी निर्देश दिया। इससे पूर्व, सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त के समक्ष अपनी गलतियां मानीं। उन्होंने माना कि ईशनिंदा के मामले में उन्होंने गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी दी थी। उन्होंने यह भी माना कि निर्दोष लोगों पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति दी थी। उन्होंने राम रहीम को माफी के संबंध में अखबारों में विज्ञापन देने की भी बात मानी। अकाल तख्त ने पर्चों के लिउ शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति के खातों से खर्च किए 90 लाख खाते में जमा कराने का भी निर्देश शिअद नेताओं को दिया। अकाल तख्त ने विरसा सिंह वलटोहा को दमदमा साहिब जत्थेदार हरप्रीत सिंह के खिलाफ टिप्पणियाँ करने पर चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इसे दोहराया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।