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औरंगजेब की कब्र विवाद पर नागपुर में बवाल : पुतला जलाने के बाद हिंसा, पुलिस पर हमला; कर्फ्यू लागू, कई स्कूलों में छुट्टी का ऐलान

नागपुर। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद ने सोमवार रात हिंसक रूप ले लिया। नागपुर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच विवाद बढ़ने के बाद जमकर हिंसा हुई। उपद्रवियों ने घरों और दुकानों पर पथराव किया और कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। वहीं तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर के कई स्कूलों में आज छुट्टी का ऐलान कर दिया है।

पुलिसकर्मियों पर हमला, DCP घायल

औरंगजेब कब्र विवाद के चलते 17 मार्च को महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। इस दौरान नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब का पुतला फूंका, जिसमें कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद रात करीब 8:30 बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। जिसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई।

हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस बल पर भी हमला किया, जिसमें DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी के वार से घायल हो गए। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि, हालात को काबू में करने के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 (IPC की धारा 144 की तरह) लागू कर दी गई है। पूरे शहर में पुलिस की 20 टीमें तैनात की गई हैं।

कर्फ्यू लागू, कई इलाकों में तनाव

नागपुर के गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

शिंदे बोले- हिंसा एक साजिश के तहत हुई

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि औरंगजेब की कब्र को लेकर दोपहर में प्रदर्शन हुआ, लेकिन रात को पुलिस पर पथराव और हमला किया गया। यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है।

विवाद की शुरुआत कहां से हुई?

महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबू आजमी के बयान के बाद विवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा था कि, औरंगजेब को क्रूर शासक बताना गलत है और उसे बदनाम किया जा रहा है। उनके बयान पर विरोध बढ़ने के बाद आजमी ने सफाई देते हुए कहा कि, उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, लेकिन फिर भी वे अपना बयान वापस लेते हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें विधानसभा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं और पुलिस जांच का सामना कर रहे हैं।

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग

भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले और तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, एक चोर और लुटेरे की कब्र पर सरकार का पैसा खर्च नहीं होना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने भी इस मांग का समर्थन किया है और पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किए।

उद्धव गुट और कांग्रेस ने किया विरोध

शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि, औरंगजेब की कब्र मराठाओं की वीरता का प्रतीक है। वहीं कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा कि, भाजपा लोगों को शांति से नहीं रहने देना चाहती। उन्होंने पूछा कि, औरंगजेब की कब्र हटाने से आखिर क्या मिलेगा?

कब बनी थी औरंगजेब की कब्र

औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में स्थित है। 1707 में उसकी मृत्यु के बाद, उसे उसकी इच्छा के अनुसार दफनाया गया था। मूल रूप से यह साधारण मिट्टी की कब्र थी, लेकिन बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने वहां संगमरमर लगवाया था। इसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल माना जाता है।

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