
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा हर रात 2 बजे निकली जाती है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। लेकिन हाल ही में इस पदयात्रा को लेकर विवाद हुआ, जिसके चलते महाराज ने इसे स्थगित कर दिया था। अब NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने महाराज से माफी मांग कर माहौल को शांत करने की पहल की है। दरअसल, महाराज रोज रात 2 बजे अपने आवास श्रीकृष्ण शरणम से श्रीराधा केलिकुंज आश्रम तक पदयात्रा करते थे। इसके शोर से परेशान होकर NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने इसका विरोध किया था।
प्रेमानंद महाराज को बदलना पड़ा रास्ता
विरोध के बाद प्रेमानंद महाराज ने न केवल पदयात्रा स्थगित कर दी, बल्कि रास्ता भी बदल दिया। अब पदयात्रा NRI ग्रीन सोसाइटी के सामने से न गुजरकर प्रेम मंदिर के सामने से होकर रमणरेती पुलिस चौकी मोड़ से श्रीराधा केलिकुंज पहुंचती है। यह बदलाव महाराज के भक्तों को दुखी कर गया और वृंदावन के कई दुकानदारों ने NRI ग्रीन के लोगों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इसके साथ दुकानों पर उनके खिलाफ कई बोर्ड भी लगा दिए गए।
NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने मांगी माफी
बढ़ते तनाव को देखते हुए NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष हाल ही में प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंचे और उनसे माफी मांगी। महाराज ने बड़ी सरलता से कहा, ‘हमारा तो कोई विरोधी नहीं है। हमारा काम सबको सुख देना है। जैसे ही सुना कि किसी को कष्ट हुआ, हमने रास्ता बदल लिया।’
अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि सोसाइटी के लोग अपनी गलती मानते हैं, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि महाराज के सामने आकर माफी मांग सकें। महाराज ने स्पष्ट किया कि वे सबको प्रेम और सम्मान देते हैं और किसी से भी वैर-विरोध नहीं रखते।
भक्तों की भावनाएं और महाराज की प्रतिक्रिया
अध्यक्ष ने महाराज से कहा कि सोसाइटी के लोग चाहते हैं कि पदयात्रा दोबारा शुरू हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब कोई दिक्कत नहीं होगी और वे खुद संतों की सेवा में लगे रहेंगे। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, ‘अगर किसी को कोई परेशानी हो तो सीधे हमारे पास आओ। हम सबको प्यार करते हैं। हमारा किसी से कोई विरोध नहीं है।’
क्या फिर से शुरू होगी पदयात्रा?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब भक्तों के बीच उम्मीद जागी है कि शायद प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा फिर से शुरू होगी। NRI ग्रीन सोसाइटी के माफी मांगने के बाद यह विवाद शांत होता दिख रहा है और प्रेम के इस संदेश ने वृंदावन में नई ऊर्जा भर दी है।