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चिपोटले, पेरी-पेरी, तंदूर तड़का फ्रेंच फ्राइज भोपाल की पसंदीदा, अब सैन फ्रांसिस्को में एशियन टेस्ट देने की तैयारी

फ्रेंच फ्राइज डे आज : भोपाल का फ्रेंच फ्राइज ब्रांड अमेरिका में रजिस्टर्ड, अगले साल शुरू होगा आउटलेट

प्रीति जैन – गर्म और क्रिस्पी फ्रेंच फाइज देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। मंचिंग और क्रंचिंग के लिए फ्रेंच फ्राइज बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की पसंद रही हैं। यही वजह है कि अब फ्रेंच फ्राइज के कई फ्लेवर्स दुनिया भर में चखने को मिलते हैं और इस मामले में भोपाल भी पीछे नहीं है, यही वजह है कि भोपाल की फ्रेंच फ्राइज का एक ब्रांड अमेरिका में रजिस्टर्ड हो गया है। यहां एक्सक्लूसिवली सिर्फ फ्रेंच फ्राइज सर्व करने वाली लोकल चेन है जिसके शहर में अलग जगहों पर पांच आउटलेट हैं। शहर में प्लेन फ्राइज से लेकर चीजी फ्राइज, पेरी- पेरी फ्राइज, जैलपीनो(हैलपीन्यो), तंदूरी बारबेक्यू फ्राइज से लेकर चिपोटले चीज फ्राइज तैयार की जा रही हैं। चिपोटले यूएसए में काफी पसंद किया जाने वाला चीज है। वहीं शहर में नेशनल फ्रेंच फ्राइज डे के मौके पर कर्ली फ्राइज को इंट्रोड्यूस किया जाएगा।

फ्रेंच फाइज का इतिहास

फ्रांस, अमेरिका और बेल्जियम- तीनों ही देशों का कहना है कि फ्रेंच फ्राइज डिश पहले उनके देश में बनाई गई थी। कैरेमेंट फ्रिटेस नाम की किताब बेल्जियन लेखक अल्बर्ट वर्देयन ने फ्रेंच फ्राई का जिक्र करते हुए लिखा कि पहली बार ये बेल्जियम के नामुर इलाके में बनाई गईं थीं वहां के लोगों को मछली काटकर खाना पसंद था, जब 1680 के दौर में ज्यादा ठंड की वजह से झीलें जम गईं और उन्हें मछली नहीं मिल पा। पेट भरने के लिए उन्होंने विकल्प के तौर पर आलू काटकर फ्राई कर दिया और इस तरह फ्रेंच फ्राई की शुरुआत हो गई। ये घटना दक्षिणी बेल्जियम की थी और वहां लोग फ्रेंच बोलते थे, ऐसे में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान आए अमेरिकन सैनिकों ने इसे फ्रेंच फ्राई कहना शुरू कर दिया और फिर इसकी पॉपुलेरिटी बढ़ गई और यह पूरी दुनिया में पसंद किया जाने वाला स्नैक्स बन गया।

मखनी और चीजी सॉस के स्वाद के साथ

गर्म, कुरकुरे और सुनहरे फ्रेंच फ्राइज लोगों को खूब भाते हैं। जैसे ही फ्राइज का बॉक्स सामने आता है और भूख और बढ़ जाती है। टोमटो सॉस के अलावा मखनी सॉस गार्लिक चिली सॉस, चीजी सॉस के साथ इसे सर्व किया जाता है। फ्रेंच फ्राइज तैयार करने में उसकी लंबाई, नमी की मात्रा, रंग, खुशबू, बनावट आदि सभी पहलुओं को देखा जाता है। इसे मूंगफली, राइस ब्रायन या सनफ्लावर ऑइल में फ्राई किया जाता है।

महीने में तीन-चार बार ही खाना बेहतर

फ्रेंच फ्राइज और सेहत को लेकर हमेशा से ही बात होती रही है, इसमें देखना यह होगा कि आप इसे महीने में कितनी बार खा रहे हैं और किस गुणवत्ता के साथ खा रहे हैं। जिस तेल में इन्हें फ्राई किया जा रहा है यदि वो दो से अधिक बार इस्तेमाल किया गया है तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है लेकिन तेल को बदल कर तला जा रहा है तो इसे महीने में तीन से चार बार ही खाएं। -डॉ.अलका दुबे, न्यूट्रीशनिस्ट

हम 9 से 10 इंच का फ्राइज करते हैं तैयार

हमारे भोपाल में सात साल से फ्रेंच फ्राइज ही सर्व कर रहे हैं और भोपाल में पांच जगहों आउटलेट हैं, अब हमने इंदौर, ग्वालियर, दिल्ली सहित अन्य शहरों में विस्तार किया है। अमेरिका में हमारा ब्रांड रजिस्टर्ड हो चुका है और अगले साल तक हम सैन फ्रांसिस्को में आउटलेट शुरू करेंगे क्योंकि अब हम वहां एशियन लोगों को टारगेट करेंगे ताकि उन्हें भारतीय मसालों के साथ थोड़ा स्पाइसी स्वाद मिल सकें। कस्टमर्स की हेल्थ के मुताबिक हमने एयर फ्राइड शुरू किया था लेकिन मांग फ्राइड की ही आती है। हम सेहत के हिसाब से तेल को दो दिन में बदल देते हैं। सभी ब्रांडेड कंपनियों के चीज व अन्य उत्पाद फ्राइज बनाने में इस्तेमाल करते हैं। मीठे फ्राइज भी लॉन्च किए थे लेकिन उनकी मांग ज्यादा नहीं रहती। हमारे फ्राइज का साइज 9 से 10 इंच का रहता है। हम स्टीम के नीचे रखकर फ्राइज को नहीं बनाते, हम क्रंच के लिए तुरंत ही डीप फ्रीजर से निकाल कर इसे बनाते हैं। -गर्वित अग्रवाल, ओनर, एफ फॉर फ्राइज

भोपाल में मिलने वाले फ्रेंच फ्राइज फ्लेवर

  •  जैलपीनो (हैलपीन्यो) मेक्सिकानो
  • तंदूरी तड़का
  • ड्रैगन चीज
  • चीजी-चीज
  • सालसा मैक्सिकानो
  • चिपोटले चीज
  • पेरी-पेरी
  • क्लासिक साल्टेड
  • चीली चीज
  • पिज्जा-ऑरेगेनो
  • गार्लिक चीली

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