
जयपुर सीरियल ब्लास्ट के जिंदा बम केस मामले में चार आतंकियों – सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 600 पन्नों में अपना विस्तार से फैसला दिया।
2008 में हुए थे 8 बम धमाके
13 मई 2008 की शाम करीब 7:30 बजे जयपुर में एक के बाद एक आठ जगहों पर बम ब्लास्ट हुए थे। ये धमाके जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, त्रिपोलिया बाजार और चांदपोल बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए थे। इस हमले में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 185 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
चांदपोल से मिला था नौवां जिंदा बम
धमाकों के बाद चांदपोल बाजार के पास एक मंदिर के पास से नौवां बम मिला, जिसे बाद में डिफ्यूज किया गया था। इसी जिंदा बम मामले में अलग से केस दर्ज हुआ और अब चारों आतंकियों को दोषी ठहराकर सजा दी गई।
पहले मिली थी फांसी, फिर हाईकोर्ट से राहत
इन्हीं चारों आरोपियों को पहले सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन मार्च 2023 में राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। यह फैसला आठ अलग-अलग केसों के तहत आया था।
112 गवाह और 1200 दस्तावेज पेश
इस 17 साल पुराने केस में अभियोजन पक्ष ने 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए और करीब 1200 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। अदालत ने पूरी जांच के बाद चारों को दोषी पाया।
अभी भी 3 आरोपी फरार
इस पूरे केस में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 3 आरोपी अब भी फरार हैं। दो आरोपी हैदराबाद और दिल्ली की जेलों में बंद हैं, जबकि बाकी दो बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे।