
द हेग। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने गठबंधन सरकार में प्रवासन नीति पर सहमति न बनने के कारण इस्तीफा दे दिया। माइग्रेशन पॉलिसी पर गठबंधन दलों के बीच मतभेदों के कारण डच सरकार गिर गई। जिसके बाद नीदरलैंड आम चुनावों की तरफ जाने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक संसद की 150 सीटों वाले निचले सदन के लिए मतदान हो सकता है।
चार सहयोगी दलों के बीच हुई बैठक विफल
नीदरलैंड के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेता और यूरोप के सबसे अनुभवी राजनेताओं में से एक, 56 वर्षीय रुटे ने कहा कि चार दलों के बीच कई दिनों की वार्ता किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रही। चार सहयोगी दल- पीपुल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी (VVD), डेमोक्रेट्स 66 (D66), क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील (CDA) और क्रिश्चियन यूनियन के साथ बैठक हुई थी, जो सफल नहीं रही।
मार्क रुटे ने क्यों दिया इस्तीफा?
मार्क रुटे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, प्रवासन नीति पर गठबंधन सहयोगियों के विचार काफी अलग हैं और इसमें कोई रहस्य की बात नहीं है। ऐसे में हमें यह निष्कर्ष निकालना होगा कि वे मतभेद अप्रासंगिक हैं। यही कारण है कि मैंने तत्काल प्रभाव से संपूर्ण मंत्रिमंडल का इस्तीफा किंग को लिखित रूप में भेजा है। चार सहयोगी दल- पीपुल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी (VVD), डेमोक्रेट्स 66 (D66), क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील (CDA) और क्रिश्चियन यूनियन के साथ बैठक हुई थी, जो सफल नहीं रही।
कब हुआ था गठबंधन सरकार का गठन
बता दें कि, 56 वर्षीय मार्क रुटे नीदरलैंड के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेता और यूरोप के सबसे अनुभवी राजनेताओं में से एक हैं। रुटे के नाम नीदरलैंड में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद रहने का रिकॉर्ड है। वह 2010 से इस पद पर हैं। मार्क रुटे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का गठन जनवरी 2022 में हुआ था, लेकिन कुछ वक्त बाद गठबंधन सहयोगियों के बीच प्रवासन नीति (माइग्रेशन पर लिमिट लगाना) को लेकर मतभेद उभरने लगे थे।
अब वे शनिवार (8 जुलाई) को किंग विलेम-अलेक्जेंडर (King Willem-Alexander) को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, रुटे ने कहा कि नए सिरे से चुनाव होने तक सभी मंत्री कार्यवाहक कैबिनेट के रूप में अपना काम जारी रखेंगे।