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अंडमान-निकोबार में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए, 5.8 की तीव्रता मापी गई; इस साल का तीसरा बड़ा झटका!

भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 नापी गई है। भूकंप 10 किमी (6.2 मील) की गहराई पर था। भूकंप 69 किलोमीटर की गहराई पर आया। बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात लगभग 12:53 बजे भूकंप आया। हालांकि, अभी तक भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है।

इस साल का तीसरा झटका!

अंडमान-निकोबार द्वीप पर अब तक का यह तीसरा बड़ा भूकंप का झटका है। इससे पहले तीन भूकंप के झटके आ चुके हैं। मार्च में निकोबार क्षेत्र में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 5 थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था। वहीं, पिछले साल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 24 घंटों के दौरान 3.8 तीव्रता से लेकर 5 तीव्रता तक के 22 भूकंप आए थे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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