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चारा घोटाले के 5वें केस में लालू यादव को 5 साल की सजा, सीबीआई कोर्ट ने 60 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका

बिहार के पूर्व CM और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया। फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।

हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद

लालू के वकील ने बताया कि आगे जमानत के लिए अर्जी दी जाएगी। लेकिन जमानत नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा। अधिवक्ता का कहना है कि सजा की आधी अवधि पूरी हो गई है इसलिए लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है। बता दें कि इस मामले में लालू के साथ 75 आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था और 24 को रिहा कर दिया गया था। इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की जा चुकी है। वहीं बाकी दोषियों को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई।

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चारा घोटाले के 4 मामलों में दोषी करार किए जा चुके हैं लालू

इससे पहले 950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के 4 मामले (देवघर के एक, दुमका ट्रेजरी के दो अलग-अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में) लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में उन्हें करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। सजा के साथ-साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था।

डोरंडा ट्रेजरी घोटाला आखिर है क्या?

चारा घोटाले का यह मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। इसमें 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की बात सामने आई थी। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो।

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फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला

CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।

विभाग ने स्कूटर और मोपेड का नंबर दिया

इतना ही नहीं, विभाग ने इस दौरान क्रॉस ब्रीड बछिया और भैंस की खरीद पर 84,93,900 रुपए का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के दिवंगत प्रोपराइटर विजय मल्लिक को की थी। इसके अलावा भेड़ और बकरी की खरीद पर भी 27,48,000 रुपए खर्च किए थे।
घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था।

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डोरंडा कोषागार मामले में कुल 99 आरोपी

डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में 170 आरोपी थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। वहीं मामले में छह नामजद आरोपी फरार हैं। इसके अलावा सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था। अब इस मामले में लालू सहित 99 आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है।

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