
सतना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को जिले के मझगवां विकासखंड में वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण किया। भागवत ने इस मौके पर महर्षि बाल्मीकि परिसर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने जहां वीरांगना दुर्गावती के शौर्य की चर्चा की, वहीं उन्होंने राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख का स्मरण करते हुए कहा कि चित्रकूट जहां भगवान राम की तपोस्थली है, वहीं यह नानाजी देशमुख की कर्मस्थली भी रही है। सतना पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुटी में संघ के प्रमुख पदाधिकारियों की गुप्त मीटिंग की है।
रानी दुर्गावती विश्वास घात
मोहन भागवत ने सभा में रानी दुर्गावती के बारे में कहते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने विदेशी हमलावरों को कई बार नाकों चने चबवाए थे। लेकिन, उन्हें अपनों ने ही धोका दिया था। रानी दुर्गावती कभी भी किसी की वीरता से नहीं हारी, बल्कि उनके साथ विश्वास घात हुआ था। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती का स्मरण करते हुए हमें एक बात सीखनी चाहिए। अपने छोटे-छोटे स्वार्थ के कारण देश हित को नुकसान पहुंचाने वाली प्रवृत्ति हमारे अंदर कभी ना आए।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) April 1, 2023
भागवत ने कहा कि यह स्थान छोटा नहीं है यह हमारे लिए किसी तपोभूमि से कम नहीं है। उन्होंने नानाजी देशमुख का जिक्र करते हुए कहा कि इस धरती पर उन्होंने साधना की है। उन्होंने कहा कि जब बात राष्ट्रहित की हो तो हमें अपना पराया से ऊपर उठकर राष्ट्र हित के बारे में विचार करना चाहिए।
बड़ी संख्या में पदाधिकारी रहे मौजूद
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में आमजन, संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में भाजपा के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत चित्रकूट के लिए रवाना हो गए जहां डीआरआई में रात्रि विश्राम करने के बाद वे रविवार को प्रयागराज के लिए रवाना हो जाएंगे।