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Mahakumbh 2025 : आज महाकुंभ में धर्म संसद, सनातन बोर्ड का होगा ऐलान; अमित शाह संगम में करेंगे स्नान; 13.21 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं डुबकी

प्रयागराज। आज महाकुंभ के 15वें दिन धर्म संसद बुलाई गई है। जिसमें सनातन बोर्ड के गठन की घोषणा की जाएगी। इसमें चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े और हजारों साधु-संत शामिल होंगे। बोर्ड में देशभर के 200 प्रमुख मंदिर शामिल किए गए हैं और सभी पदाधिकारी भी चुन लिए गए हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज आएंगे। वे गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के ‘त्रिवेणी संगम’ के पवित्र जल में भी डुबकी लगाएंगे।

महाकुंभ में दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आस्थावानों की भीड़ बढ़ती जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद है।

अमित शाह का 10वां कुंभ दौरा

गृहमंत्री अमित शाह का यह 10वां कुंभ दौरा होगा, जिसमें महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ शामिल हैं। अब तक वे 9 कुंभ और अर्धकुंभ में हिस्सा ले चुके हैं। वे 11 बजे प्रयागराज संगम महाकुंभ पहुंचेंगे, जहां सबसे पहले संगम स्नान और पूजा करेंगे। इसके बाद वे बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे और पवित्र अक्षयवट के भी दर्शन करेंगे। इस दौरान अमित शाह कई प्रमुख शंकराचार्य और साधु-संतों से मुलाकात करेंगे।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अमित शाह के साथ मौजूद रहेंगे। वे संगम स्नान, हनुमान मंदिर और अक्षयवट का दर्शन करेंगे और जूना अखाड़ा भी जाएंगे। इसके बाद, वे उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के शिविर का उद्घाटन करेंगे और शंकराचार्यों से मुलाकात करेंगे।

महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, आज तक 46.64 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर चुके हैं। वहीं 26 जनवरी 2025 तक कुल 13.21 करोड़ से अधिक लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। रविवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संगम में 11 बार डुबकी लगाई।

26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ

यह महाकुंभ 12 साल बाद हो रहा है, लेकिन संतों का कहना है कि इस बार 144 साल बाद एक बेहद खास मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 दिन के दौरान 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 15 लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

महाकुंभ में इन तारीख को होगा शाही स्नान

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी (पूस पूर्णिमा )के दिन होगा।

  • 14 जनवरी (मकर संक्रांति )के दिन शाही स्नान।
  • 29 जनवरी (मोनी अमावस्या) के दिन शाहीस्नान।
  • 03 फरवरी (बसंत पंचमी) के दिन शाही स्नान।
  • 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) के दिन शाही स्नान।
  • 26 फरवरी (महाशिवरात्रि )के दिन शाही स्नान किया जाएगा।

महाकुंभ को लेकर क्या है मान्यता

मान्यता है कि, कुंभ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। समुद्र मंथन से जो अमृत निकला, उसे पाने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच 12 साल तक युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान अमृत की कुछ बूंदें जिन-जिन स्थानों पर गिरीं, वहां कुंभ मेला आयोजित होता है। चूंकि युद्ध 12 साल तक चला, इसलिए कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है।

144 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिस दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी।

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