भोपालमध्य प्रदेश

VIDEO : भोपाल में निजी अस्पतालों ने खोला मोर्चा, 15 अप्रैल से आयुष्मान योजना में इलाज बंद करने का किया ऐलान

भोपाल। चुनावी साल में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को पलीता लग रहा है। निजी अस्पताल संचालकों ने समय पर भुगतान नहीं होने से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने 15 अप्रैल शाम 5 बजे से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं करने का ऐलान किया है।

आयुष्मान से इलाज नहीं करने की घोषणा करने के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में राजधानी स्थित आयुष्मान भारत के दफ्तर पहुंचकर अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपकर जल्द मांगों का निराकरण की मांग की।
पदाधिकारियों ने किया शांतिपूर्ण प्रदर्शन

सरकार को दिया अल्टीमेटम

पदाधिकारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर 15 अप्रैल पूर्व तक उनका भुगतान नहीं होता है तो वह शाम 5:00 बजे के बाद आयुष्मान से इलाज बंद कर देंगे। जिससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। भोपाल के विभिन्न निजी अस्पताल के पदाधिकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर इस दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में नर्सिंग स्टाफ के साथ महिला चिकित्सक भी शामिल हुई।

कार्ड फर्जी बताकर रोका भुगतान

एसोसिएशन के पदाधिकारियों की माने तो 3 से लेकर 15 महीने तक का भुगतान अभी बाकी है। यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक आरके पालीवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत एक साल से ज्यादा समय के भुगतान पेडिंग है। शासन के पोर्टल पर कार्ड बन रहे हैं। जिनको फर्जी बताकर सरकार अस्पताल का भुगतान रोक रही है। मानवीय आधार पर कोविड के समय काम कराया और कानूनी आधार पर पेमेंट रोक दिया गया।

भोपाल में 100 करोड़ का भुगतान रुका

डॉ. जिशान अहमद ने बताया कि अकेले भोपाल के 100 करोड़ तो समूचे मध्य प्रदेश के 900 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है। भुगतान नहीं होने से अस्पताल के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। जिससे आगे सेवाएं देना संभव नहीं है। डॉक्टर जीशान अहमद ने साफ कर दिया है कि सरकार 31 मार्च तक पेमेंट सेटलमेंट नहीं करती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे। गौरतलब है कि भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट झेल रहे रीवा जिले के सभी निजी चिकित्सालयों ने 10 अप्रैल से ही आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है।

सरकार से तीन प्रमुख मांगे

  • 31 मार्च 2023 तक के लंबित सभी निजी अस्पतालों के भुगतान अतिशीघ्र जारी किया जाए। क्योंकि, इस योजना में सम्मिलित एवं सेवारत सभी डॉक्टरों को अत्यंत गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। मरीजों के इलाज के लिए पैसा नहीं है। साथ ही बिजली बिल, कर्मचारियों की सैलरी, बैंक की किश्ते और किराया इत्यादि संकट का कारण है।
  • आयुष्मान भारत निरामयम की कार्ययोजना समिति का विधिवत गठन हो, जिसमें शासकीय अधिकारियों के साथ अन्य तथस्त सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं 20% सदस्यों का प्रतिनिधित्व निजी डॉक्टर के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित किया जाए। क्योंकि आयुष्मान भारत निरामयम से सेकंड पार्टी के रूप में एग्रीमेंट शर्तों में सेवा प्रदान करने वाले अस्पतलों के प्रतिनिधि भी संतुलित एवं निष्पक्ष निर्णय हेतु सम्मिलित किया जाना चाहिए।
  • भविष्य में तुरंत प्रभाव से सेवा प्रदाता अस्पतालों का नियमानुसार भुगतान 30 दिन के अंदर होना चाहिए। हमारी तरफ से हम यहां समय 45 दिन तक भी बड़वाने को तैयार हैं। ताकि प्रत्येक प्रकरण के निरीक्षण एवं ऑडिट के लिए विभाग को समुचित समय मिले। लेकिन, एक बार कोई प्रकरण यदि स्वीकृत कर दिया जाए तो निरस्त करने के पहले संबंधित अस्पताल को एक अवसर उसका पक्षा जवाब रखने हेतु दिया ही जाना चाहिए।

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