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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के सबूतों की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त, भोपाल में हुई आतिशबाजी

मथुरा। यूपी के मथुरा की एक अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने हिंदू सेना के दावे पर ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण कराने और 20 जनवरी 2023 को इसकी रिपोर्ट तलब की है। सिविल जज सेनिका वर्मा ने मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। वह मस्जिद परिसर में सबूतों की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे।

8 दिसंबर को दायर की थी याचिका

8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में यह दावा किया था। इसमें कहा गया था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया।

1968 के समझौते को भी अवैध बताया

हिंदू सेना ने 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध करार दिया है और इसे निरस्त करने की मांग की है। अधिवक्ता शैलेश दुबे ने बताया कि अदालत ने वादी की याचिका को स्वीकार कर सर्वे रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इस मामले में पहले 22 दिसंबर को अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी वजह से ऐसा नहीं हो सका।

पहले भी लगीं ऐसी ही याचिकाएं

शैलेश दुबे ने बताया कि पहले भी आधा दर्जन से अधिक याचिकाकर्ता सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) ज्योति सिंह की अदालत में यही मांग रख चुके हैं। लेकिन, अब तक उन याचिकाओं पर फैसला नहीं हो सका।

ज्ञानवापी भी में ऐसे ही सर्वे हुआ

इससे पहले 17 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने वाराणसी के श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए याचिका लगाई थी। उस समय वहां तैनात सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

आतताइयों ने जहां मंदिर तोड़े, वहां फिर से हो निर्माण

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इस फैसले के बाद मिठाई बंटी। संस्कृति बचाओ मंच ने आदर्श नौ दुर्गा मंदिर पर फैसले को लेकर खुशी मनाई और आतिशबाजी की। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम लला का भव्य मंदिर बन रहा है और वहां रामलला शीघ्र विराजमान होंगे। उसी प्रकार अब कृष्ण जन्मभूमि में भी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त होने के बाद वहां भी शीघ्र जांच होने होगी और भव्य मंदिर का निर्माण होगा। आतताइयों ने जहां -जहां हमारे मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण कराया है, वहां सभी जगह जांच होनी चाहिए और पुनः हमारे धर्म स्थलों को मुक्त कराकर मंदिरों का निर्माण होना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संस्कृति बचाओ मंच के पुराना भोपाल संयोजक अभिषेक तिवारी, निलेश राजपूत, अजय मिश्रा, पवन जोशी, पवन तिवारी, गोविंद जाट, बाबू विश्वकर्मा अनिकेत, महेश गौड़, प्रमोद राठौर और पंडित धर्मेंद्र शास्त्री आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे

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