
नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत के पहले ही दिन दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रविवार देर रात आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 रही। इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था, इसकी गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी। हालांकि, किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में कई भूकंप आ चुके हैं।
Earthquake of Magnitude:3.8, Occurred on 01-01-2023, 01:19:42 IST, Lat: 28.71 & Long: 76.62, Depth: 5 Km ,Location: 12km NNW of Jhajjar, Haryana for more information Download the BhooKamp App https://t.co/QVSUrTSmuX pic.twitter.com/SAgjRl6hNo
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) December 31, 2022
रोहतक-झज्जर के नीचे है फॉल्ट!
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है, इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। रोहतक-झज्जर से गुजर रही महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन के नजदीक अकसर भूकंप आते रहते हैं।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।