
प्रीति जैन- घर के आसपास कोई नया फूड जॉइंट खुला हो तो लोग बड़ी उत्सुकता से उसके बारे में बात करते हैं और वहां के जायकों को ट्राई किया क्या… जैसे संवाद कहते सुने जा सकते हैं। घर के आसपास जितने खाने-पीने के ठिकाने खुलते हैं, फूड लवर्स उन सभी के यहां से कुछ न कुछ जरूर खाते हैं और इस तरह जब मन चाहा तब बाहर का खाया वाली आदत बढ़ती जाती है लेकिन यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है। चर्चित मेडिकल जर्नल ‘सर्कुलेशन: हार्ट फेल्योर’ में प्रकाशित नई रिसर्च के मुताबिक, अगर आपके घर के आधा किलोमीटर के दायरे में पब, बार या फास्ट फूड की दुकानें हैं तो आपको दिल का दौरा पड़ने का खतरा दूसरों की अपेक्षा 16 प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि खान-पान की आदतें बिगड़ती चली जाती हैं।
घर के आसपास के माहौल से पड़ता है फर्क
जर्नल ‘सर्कुलेशन: हार्ट फेल्योर’ में प्रकाशित रिसर्च में मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक आपके आसपास हो रही हर एक्टिविटी और माहौल का फर्क आपकी लाइफस्टाइल पर पड़ता है। अगर घर के आसपास रेडी-टू-ईट फूड आइटम्स ज्यादा हैं तो बहुत संभावना इसी बात की है कि आप भूख लगने पर फास्ट फूड खा रहे होंगे। यह आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है।
पेट का स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं फाइबर्स, जबकि फास्ट फूड में फाइबर नहीं होते। यह शरीर के लिए न्यूट्रिशन को अब्जॉर्ब करना मुश्किल बनाते हैं और गट बैक्टीरिया पर भी असर डालते हैं। इसमें मौजूद ट्रांस फैट और शुगर से ब्रेन फंक्शनिंग पर भी बुरा असर पड़ता है। लंबे समय तक इसका सेवन किया जा रहा है तो डिमेंशिया जैसी बीमारी की वजह भी बन सकते हैं। मोटे अनाज, ताजे फल, हरी सब्जियों का सेवन किया जाए तो बिगड़ती सेहत को संभाला जा सकता है। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, आहार विशेषज्ञ
ज्यादातर रेडी-टू-ईट फूड्स में कार्बोहाईड्रेट होता है। यह ब्लड शुगर लेवल को शूट-अप कर सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन में छपी रिसर्च के मुताबिक, फास्ट फूड से इंसुलिन लेवल बढ़ने से शुगर लेवल गिर सकता है। शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव हार्ट डिजीज का कारण बनता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिसर्च के मुताबिक, फास्ट फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होने से इसका असर ब्लड वेसल्स पर होता है, जो ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। -डॉ. अलका दुबे, न्यूट्रीशनिस्ट
क्यों ज्यादा खाएं फल और सब्जियां
- ताजे फल-सब्जियों से प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल और मोनोसै चुरेटेड फैट मिलता है।
- फल और सब्जियों के अधिक प्रयोग से कैलोरीज की मात्रा कम रहती है।
- फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट क्रॉनिक बीमारियों से बचाते हैं।
- ताजे फल और सब्जियों के सेवन से शरीर में आलस नहीं रहता।
- विटामिन्स और मिनरल्स बालों और त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।