इंदौरमध्य प्रदेश

धार में पेसा एक्ट के तहत पंचायत पहुंचा पहला केस, पुलिस ने विवाद निवारण समिति को दी मारपीट की सूचना

पेसा एक्ट के तहत पंचायतों को करना है छोटे-मोटे विवादों का निस्तारण

धार। मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू किए जाने के बाद इस एक्ट के तहत धार जिले में पहला मामला पंचायत की विवाद निवारण समिति के पास पहुंचा है। यह मामला सरदारपुर विधानसभा का है। यहां ग्राम जौलाना में दो परिवारों में आपसी विवाद के बाद एक महिला के साथ दो युवकों ने मारपीट की थी। मामला थाने पहुंचा तो पेसा कानून के नए निर्देशों के तहत सरदारपुर पुलिस ने सूचना पंचायत सचिव को दी। बुधवार दोपहर एसडीओपी रामसिंह मेडा सहित टीआई प्रदीप खन्ना पंचायत भवन पहुंचे, और मामले की जानकारी देकर नोटिस भी तामील करवाया। पेसा एक्ट के तहत अब पंचायत कार्यालय में पीड़ित पक्ष और आरोपी को बुलाया गया है। वहां दोनों के बीच में आपसी समझौता करवाते हुए निराकरण कराया जाएगा।

15 नवंबर 2022 से MP में लागू हुआ पेसा एक्ट

शिवराज सरकार ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 15 नवंबर से पेसा एक्ट लागू किया है। इस नए कानून के बाद जनजाति वर्ग के व्यक्ति की भूमि पर किसी गैर जनजाति व्यक्ति ने अनधिकृत कब्जा कर रखा है तो ग्रामसभा को उसे हटवाकर मूल व्यक्ति को दिलाने का अधिकार दिया गया है। ग्राम सभा की सहमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में नई शराब दुकान नहीं खुलेगी। भूमि अधिग्रहण के पहले भी सहमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस थाने में गांव के व्यक्ति से संबंधित कोई भी शिकायत दर्ज होती है तो इसके सूचना ग्रामसभा को देनी होगी। इस नए निर्देशोंं का पालन सख्ती से करवाने के लिए एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने जिले के सभी एसडीओपी सहित थाना प्रभारियों को दिए थे।

11 दिसंबर की घटना

धार जिले के सरदारपुर थाना अंतर्गत ग्राम जौलाना में 11 दिसंबर को महिला घर के पीछे खेत में काम कर रही थी। इसी बीच आरोपी कान्हा, पिता बहादुर के साथ एक नाबालिग आया और महिला के साथ बांस से मारपीट की। मामले में 12 नवंबर को पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसडीओपी रामसिंह मेड़ा के अनुसार नया कानून लागू होने के बाद अब मारपीट जैसे साधारण प्रकरणों का निकाल ग्राम पंचायत की शांति समिति के माध्यम से किया जाना है। ग्राम जौलाना में विवाद की सूचना के बाद प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही दोनों पक्षों को थाने नहीं बुलाकर गांव में ही उसका निराकरण ग्रामीणों की मौजूदगी में किया जा सके, इसको लेकर धार की प्रथम सूचना पंचायत के सचिव को दी गई है। अब सचिव विवाद निवारण समिति के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर प्रकरण का निराकरण करवाएगा और विवाद समाप्त होने पर पंचायत की और से रिपोर्ट दी जाएगी, ताकि पुलिस भी उस प्रकरण को समाप्त कर सके। इस नए नियम के बाद पीड़ित पक्ष सहित आरोपी पक्ष को बार-बार थाने सहित कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा।

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