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Bank Scam : महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता सुनील केदार विधानसभा से अयोग्य घोषित, बैंक घोटाले में 21 साल बाद आया फैसला, 5 साल की सजा

महाराष्ट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को बैंक घोटाला मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद राज्य विधानसभा से बतौर विधायक अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सुनील केदार और पांच अन्य दोषियों को 5 साल की सजा के साथ ही जुर्माना भरने का आदेश दिया। सुनील केदार पांच बार विधायक रह चुके हैं। वे सावनेर सीट से विधायक थे।

 

सबूत के अभाव में 3 आरोपी बरी

पूर्व मंत्री सुनील केदार को एक दिन पहले ही नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में 150 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में विशेष अदालत ने दोषी ठहराया। इस केस में सबूतों के अभाव में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था।

21 साल बाद आया फैसला

महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद कोर्ट का फैसला आया है। एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धन का इनवेस्टमेंट करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। केदार तब बैंक के चेयरमैन थे।
कोर्ट ने कहा कि उस समय केदार और एक अन्य आरोपी को बैंक की पूरी हिस्सेदारी सौंपी गई थी। अदालत ने कहा कि यह फंड लोगों और बैंक के सदस्यों की मेहनत की कमाई थी, जिनमें से अधिकांश नागपुर के गरीब किसान थे।

यह है विधायकी जाने का नियम

बैंक घोटाले में सजा मिलने के बाद से ही कांग्रेस नेता की विधानसभा सदस्यता जाना लगभग तय हो गया था। दरअसल जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से अधिक साल की सजा हुई हो तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके अलावा सजा पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है, यानी वह चुनाव नहीं लड़ सकता।

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