
नई दिल्ली। NEET-UG में गड़बड़ी को लेकर लगाई गईं में याचिकाओं पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। इससे एक दिन पहले बुधवार (10 जुलाई) को केंद्र सरकार, NTA और CBI ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर किए। सरकार का कहना है कि डेटा विश्लेषण से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए वो री-एग्जाम के समर्थन में नहीं है। केंद्र ने अपने एफिडेविट में बताया कि, NEET काउंसलिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते से शुरू होगी। काउंसलिंग चार राउंड में की जाएगी।
परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली के सबूत नहीं : सरकार
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि, आईआईटी मद्रास के एक्सपर्ट्स द्वारा NEET-UG 2024 के डेटा का टेक्निकल एनालिसिस किया गया है। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या किसी स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों को फायदा मिलने का कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए हम दोबारा परीक्षा नहीं करवाना चाहते। डेटा से पता चला कि स्टूडेंट्स को मिले अंकों में ओवरऑल इजाफा हुआ है, खास तौर से 550 से 720 के बीच। यह इजाफा विभिन्न शहरों और केंद्रों में देखा गया।
केंद्र सरकान ने कहा कि, बेबुनियाद शक के आधार पर रिटेस्ट करवाने से 5 मई को परीक्षा में शामिल हुए लगभग 24 लाख छात्रों पर बोझ पड़ेगा। पहले के हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि फिर से परीक्षा कराने पर लाखों ईमानदार उम्मीदवारों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
जुलाई के तीसरे हफ्ते से होगी काउंसलिंग
केंद्र सरकार ने कहा है कि, जांच के साथ ही एहतियातन NEET काउंसलिंग भी जुलाई के तीसरे हफ्ते में कराने का निर्णय लिया गया है। इसे चार चरणों में आयोजित किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी का फायदा उठाकर आने वाले छात्र की पहचान और पड़ताल इन चार चरणों में हो ही जाए। ऐसा कुछ सामने आने पर छात्र को तुरंत बाहर कर दिया जाएगा।
कुछ एग्जाम सेंटर्स पर हुई गड़बड़ी : NTA
NEET परीक्षा आयोजित करने वाली NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने अपने एफिडेविट में बताया कि, उसने राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर NEET-UG 2024 में मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन का विश्लेषण किया है। उसके मुताबिक, सभी राज्यों में पेपर लीक नहीं हुआ है। इसलिए पूरे एग्जाम को रद्द नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही NTA ने कहा कि, उसे गोधरा और पटना के कुछ सेंटर्स पर गड़बड़ी की जानकारी मिली है।
गड़बड़ी में शामिल छात्रों के रिजल्ट रोक दिए हैं और उन्हें दंडात्मक कार्रवाई और निष्कासन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
टेलीग्राम पर हुए कथित लीक को NTA ने नकारा है। NTA ने कहा कि, 4 मई को टेलीग्राम पर लीक हुए परीक्षा पेपर की तस्वीर दिखाई गई है। लेकिन एक तस्वीर, जिसे एडिट किया गया था, वो 5 मई 2024 को 17:40 बजे का टाइमस्टैम्प दिखा रही है।
वायरल हो रहे वीडियो को नकली बताया जा रहा है। इस बात की पुष्टि सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाएं और टिप्पणियां कर रही हैं। वीडियो में तस्वीरों को एडिट किया गया था और 4 मई के लीक का सुझाव देने के लिए तारीख को जानबूझकर बदला गया था।
13 मई को दायर की गई पहली याचिका
NEET-UG में गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाओं लगाई गईं हैं। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं।
13 मई को NEET कैंडिडेट ने सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक की जांच करने को लेकर याचिका दायर की थी। इसके बाद NTA ने तय डेट से 10 दिन पहले 4 जून को ही परिक्षा के नतीजे घोषित कर दिए।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने 8 जुलाई को मामले की पहली सुनवाई हुई थी। जिसमें कोर्ट ने NEET विवाद से जुड़े 4 स्टेक होल्डर्स – NTA, CBI, केंद्र सरकार और रीटेस्ट की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी थी। आज (11 जुलाई) को बेंच के सामने दूसरी सुनवाई होनी है।
7 राज्यों से 42 लोग गिरफ्तार
4 जून के बाद से देशभर में NTA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं। 22 जून को केंद्र सरकार ने NEET केस की जांच CBI को सौंप दी थी। पेपर लीक केस की जांच अब तक 6 राज्यों तक पहुंच चुकी है। CBI ने बिहार से 2 और झारखंड से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात से भी 4 आरोपियों को रिमांड पर पूछताछ की जा रही है। 7 राज्यों से अब तक 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
NTA में सुधार करने 7 सदस्यीय समिति बनी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की कार्य प्रणाली को पारदशी और आसान बनाने के लिए 7 सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा की। समिति के अध्यक्ष इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन हैं। समिति दो महीने की अवधि में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति में दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. बीजे राव आदि हैं। NEET एग्जाम विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी।
- डॉ. के राधाकृष्णन, चेयरमैन (पूर्व ISRO चीफ)
- डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेंबर (AIIMS के पूर्व डायरेक्टर)
- प्रोफेसर बी जे राव, मेंबर, (VC-सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद)
- प्रोफेसर रामामूर्ति, मेंबर (रिटायर्ड प्रोफेसर-IIT मद्रास)
- पंकज बंसल, मेंबर (को-फाउंडर-पीपुल स्ट्रॉन्ग, मेंबर-कर्मयोगी भारत)
- प्रोफेसर आदित्य मित्तल, मेंबर (स्टूडेंट अफेयर्स डीन-IIT दिल्ली)
- गोविंद जायसवाल, मेंबर (जॉइंट सेक्रेटरी-शिक्षा मंत्रालय)
छात्रों की मांग पर जांच CBI को सौंपी
परीक्षा 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। मंत्रालय ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए कई शहरों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग मानते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “5 मई को आयोजित नीट-यूजी में कथित अनियमितता, धोखाधड़ी और कदाचार के कुछ मामले सामने आए हैं।” अधिकारी ने कहा, “एक समीक्षा के बाद परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए यह निर्णय लिया गया कि मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।”
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