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प्रदेश में 12 सौ करोड़ के 12 अल्ट्रा मेगा टूरिज्म प्रोजेक्ट प्रस्तावित, 5 साल में करना होंगे पूरे

मप्र सरकार का फोकस टूरिज्म स्टेट बनाने पर, बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए 90 साल की लीज पर देंगे जमीन

भोपाल। प्रदेश सरकार मप्र को आने वाले समय में टूरिज्म स्टेट के रूप में स्थापित करने की तैयारी में है। इसके लिए भोपाल, सांची, खंडवा सहित प्रदेश के एक दर्जन डेस्टिनेशन पर अल्ट्रा मेगा टूरिज्म प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट के तहत होटल, रिसॉर्ट, गोल्फ कोर्ट सहित अन्य पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं। मप्र पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए निवेशकों से ऑफर बुलाए हैं। शर्त यह है कि निवेशकों को हर डेस्टिनेशन पर टूरिज्म एक्टिविटी के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपए का निवेश व 5 साल में प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे। इसके लए उन्हें 90 साल की लीज पर जमीन दी जाएगी। सरकार उन्हें कलेक्टर गाइडलाइन की दरों पर जमीन देगी। निवेशक बिना टेंडर किए अपने ऑफर दे सकते हैं। ऑफर पहले आओ पहले पाओ के तहत स्वीकार किए जाएंगे। इतना ही नहीं, सरकार उन्हें मप्र पर्यटन पॉलिसी के अनुसार, सब्सिडी और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराएगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके लिए बोर्ड ने आचार संहिता लगने से एक दिन पहले ही ईओआई जारी कर दी है। पिछले दिनों बुलाई गई प्री बिड मीटिंग में आधा दर्जन निवेशकों ने इन प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी दिखाई है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े शहरों के साथ ही छोटे शहरों का चयन किया गया है। इन जगहों पर सरकार 9 हेक्टेयर से लेकर 77 हेक्टेयर तक जमीन देगी। एक दर्जन स्थानों पर निवेशकों को कुल 430 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। मप्र टूरिज्म बोर्ड के पास पर्यटन गतिविधियों के लिए 1,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि है। इंदौर में बोर्ड की 154 हेक्टेयर, भोपाल में 362, ग्वालियर में 356, खजुराहो में 764 और जबलपुर में 280 हेक्टेयर भूमि है।

सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा खंडवा पर

राज्य सरकार का सबसे ज्यादा फोकस खंडवा जिले के इंदिरा सागर डैम में पर्यटन गतिविधियां विकसत करने पर है। यहां पर चार अलग- अलग आइलैंड पर अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। मालूम हो कि हनुवंतिया पर्यटन स्थल यहां पहले से है, जहां देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल पहुंचते हैं।

कई तरह की एक्टिविटी होंगी इन स्थानों पर:

गौरतलब है कि प्रोजेक्ट की एक्टिविटी निवेशक तय करेंगे। यहां होटल, रिजॉर्ट, कन्वेंशन सेंटर, एडवेंचर पार्क, फिल्म सिटी, गोल्फ कोर्ट, वेलनेस सेंटर, वॉटर एंड टूरिज्म एक्टिविटी जैसी पर्यटकों को आकर्षित करने वाली एक्टिविटी कराई जाएंगी।

हाल ही के कुछ वर्षों में मप्र में पर्यटन के अवसर तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि पारंपरिक टूरिज्म स्थलों के साथसाथ् ा नए स्थानों को भी विकसित किया जाए। जिन स्थानों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और शासकीय भूमि भी उपलब्ध है, उन स्थानों को चिन्हित कर ईओई जारी की गई हैं। यहां निवेश करने वालों को 15 से 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। फिलहाल 12 स्थानों पर अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं में निवेशकों को 100 करोड़ या अधिक का निवेश करना होगा। – शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव पर्यटन और एमडी मप्र टूरिज्म बोर्ड

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